मेदिनीनगर (पलामू)
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र हैदराबाद में आठ राज्यों के 54 शिक्षकों ने 28 अगस्त 2024 से 11 सितंबर 2024 तक आयोजित Role of puppetry in education in line with 2020 कार्यशाला में भाग लिया।
जिसमें झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों के सात शिक्षकों ने अपने राज्य की संस्कृति,कला व समृद्धि का प्रदर्शन प्रशिक्षु शिक्षकों एवं विभिन्न कला विशेषज्ञों के समक्ष किया।
सभी शिक्षकों ने झारखंड राज्य के इतिहास,जीवन शैली, रीति रिवाज,त्योहार,प्रमुख पर्यटन स्थल, कलाकृति, शिल्पकला, हस्तकला, चित्रकला वास्तुकला,खनिज संपदा,उद्योग, कृषि, शिक्षा, खेल, वाद्य यंत्र, प्रसिद्ध हस्तियां एवं अन्यान्य विषयों पर अपनी प्रस्तुति दी। जेसीईआरटी,रांची द्वारा चयनित शिक्षकों ने झारखंड के प्रसिद्ध त्योहार सरहुल पूजा की विशेष प्रस्तुति दी,जिसमें झूमर एवं डोमकच नृत्य पर अन्य राज्य के शिक्षकों को भी नाचने पर मजबूर कर दिया। सभी शिक्षकों ने वहां पर उपस्थित गणमान्य लोगों एवं विभिन्न राज्यों से आए हुए शिक्षको का दिल जीत लिया एवं अपने दमदार प्रस्तुति से लोगों के मन में एक अमिट छाप छोड़ी। कार्यशाला में विशेष तौर पर छात्रों के बौद्धिक क्षमता के संवर्धन,विभिन्न कलाओं एवम ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण हेतु पुतली निर्माण तथा पुतली उपयोग के अलग अलग कौशलों को सिखाया गया। कार्यशाला में रांची जिले से सुनील नायक, पलामू जिले से विनय कुमार ,दिलीप कुमार मेहता, बोकारो जिले से बजरंग प्रसाद साहू, सरायकेला खरसावां जिले से गणेश रविदास, लखन सोरेन,एवम लातेहार जिले से मुकेश कुमार सम्मिलित हुए ।

