सीपीआर प्रशिक्षण को हरेक स्तर तक ले जाएं: उपायुक्त

एक लाख लोगों को सीपीआर ट्रेनिंग देंगे: डॉ प्रवीण

मेदिनीनगर (पलामू)

शनिवार को टाउन हॉल में आयोजित लायंस क्लब ऑफ मेदिनीनगर के सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम की भरपूर सराहना करते हुए पलामू उपायुक्त शशि रंजन ने सीपीआर ट्रेनिंग को हरेक स्तर तक ले जाने जोर दिया।

उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में किसी की जान बचाने के लिए यह तकनीक बहुत ही ज्यादा उपयोगी साबित होती है और इसका लाभ हरेक स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी विभागों के माध्यम से लोगों को मिले इसके लिए प्रयास होना चाहिए।

इसके पहले कार्यक्रम का संचालन करते हुए क्लब के अध्यक्ष डॉ प्रवीण सिद्धार्थ ने पलामू के सिविल सर्जन डॉ अनिल सिंह के साथ मिल कर गोल्डन ऑवर इन ट्रॉमा में सीपीआर देने के तरीके के साथ साथ बच्चों में सांस रुकने की स्थिति में सीपीआर देने की विधि के बारे में विस्तार से समझाया।

इस प्रक्रिया को अच्छे से समझाने के लिए कई टेबलों पर डॉक्टरों की टीम लोगों को सीपीआर देने के तरीके को दिखा रही थी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सहिया, नर्सिंग कॉलेज के बच्चे, स्कूलों के बच्चे और आम लोग उपस्थित थे।

कैम्प के लिए मिले उत्साह को देखते हुए रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया था।

अध्यक्ष डॉ प्रवीण सिद्धार्थ ने बताया कि इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए और जान बचाने में इसके महत्व को देखते हुए लायंस क्लब ऑफ मेदिनीनगर ने यह प्रण किया है कि आने वाले समय मे कम से कम एक लाख लोगों को सीपीआर की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि हरेक कीमती जान को समय रहते बचाया जा सके।

कार्यक्रम में उपायुक्त पलामू श्री शशि रंजन एवं श्री भोर सिंह यादव( आईएएस ) मो फ़ैज़ अहमद (आईएएस) डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर एवं सिविल सर्जन के अलावा बड़ी संख्या में जिले के अधिकारियों ने भाग लिया।

डॉ फैज़ अहमद, जो कि खुद एक सीपीआर ट्रेनर हैं, ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि उन्होंने इस प्रकार का सफल आयोजन पहले नही देखा था। भोर सिंह यादव ने लायंस क्लब से सदस्यों को इस आयोजन के लिए बधाई दी।

सीपीआर की आम जीवन में उपयोगिता को रेखांकित करते हुए डॉ प्रवीण सिद्धार्थ ने बताया कि अक्सर बुजुर्ग, दिल के मरीज या दुर्घटनाओं के शिकार लोग जानकारी के अभाव में दम तोड़ देते हैं जिन्हें आसानी से बचाया जा सकता है।

“किसी दुर्घटना या बेहोसी की स्थिति में दिल की धड़कन रुक सकती है। गोल्डन ऑवर ट्रॉमा के दौरान कई बार सीपीआर के जरिए कृत्रिम सांस दे कर या दिल की धड़कन को दुबारा हाथ से धक्का दे कर चालू किया जा सकता है। मेडिकल साइंस में इस प्रक्रिया को जीवन रक्षक प्रणाली के रूप में मान्यता प्राप्त है। लायंस क्लब ऑफ मेदिनीनगर के इस सीपीआर कैम्प को आयोजित करने के पीछे उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ख़ास करके पुलिसबल के जवान, स्कूलों के लोग इस विधि को सीख सकें ताकि किसी इमरजेंसी में प्रभावित व्यक्ति की जान बचाई जा सके।”

डॉक्टरों की पूरी टीम जिसमें उनके अलावा डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ गौरव विशाल, डॉ रविश कुमार, डॉ अभय कुमार, डॉ उदय सिंह, डॉ अमित डॉभास्कर ,डॉ निशांत कुमार ,डॉ विनीत कुमार, डॉ अभिनव ,डॉक्टर सृष्टि गुंजन ,लायंस लिली मिश्रा ,अनुराधा मिश्रा ,पुष्पा चंद्र ,प्रियंका आनंद साहू ,राघवेंद्र सिंह, अमुक प्रियदर्शी, नवीन पांडे ,परिमल प्रसून ,ऋषिकेश दुबे, फिरोज अंसारी ,रंजन अग्रवाल, अनूप कुमार, मनोज सोनी ,गुरवीर सिंह ,मुकेश अग्रवाल, गुरबीर सिंह ,रोहित जैन, सुमित पाठक, निलेश चंद्र ,संतोष नारायण, आनंद वर्धन एवं रणजीत मिश्रा आदि शामिल थे।

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