मेदिनीनगर (पलामू)
झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु, मंच के पलामू जिलाध्यक्ष विजय राम व केन्द्रीय सदस्य कृष्णा बैठा ने आज मेदिनीनगर में संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा है कि मंच झारखण्ड की सभी भाषाओं का सम्मान करता है,लेकिन शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2025 में पलामू,गढ़वा व लातेहार के शिक्षक आदि परिक्षाओं में अनिवार्य रुप से कुड़ुख व नागपुरी को थोपना सरासर अन्याय होगा,जिसे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
जारी संयुक्त बयान में जेकेएम नेताओं ने कहा है कि झारखण्ड के पांचों प्रमंडलों में स्थानीय तौर पर कहीं संथाली,हो,मुडा,करमाली,खोरठा, पंचपरगनिया,कुड़ुख,नागपुरी, मगही,भोजपुरी आदि भाषाएं बोली जाती हैं।सबको मालूम है कि पलामू,गढ़वा के साथ लातेहार के अधिकांश हिस्सों में स्थानीय भाषा के तौर पर मगही,भोजपुरी व राष्ट्रीय भाषा के तौर पर हिन्दी बोली जाती है,ऐसे में हेमन्त सरकार द्वारा शिक्षक आदि परीक्षाओं में पलामू/गढ़वा के अभ्यर्थियों के उपर स्थानीय भाषा के तौर पर कुड़ुख व नागपुरी भाषा थोपना जमीनी हकीकत से आंख मूंदते हुये भीषण अत्याचार व अन्याय साबित हो रहा है।
बयान के अंत में जेकेएम नेताओं ने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से पूछा है कि कुड़ुख व नागपुरी भाषा को पलामू व गढ़वा के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने के लिए अलग राज्य बनने से लेकर आजतक जब कोई कार्य योजना पर काम नहीं हुआ,तो फिर कुड़ुख व नागपुरी भाषा की परीक्षा लेने का तुगलकी फरमान क्यों जारी हुआ है?
अगर सरकार इस अव्यवहारिक व असंगत निर्णय को वापस लेकर इसके स्थान पर मगही,भोजपुरी,हिन्दी को शामिल नहीं करती है,तो उग्र आन्दोलन किया जाएगा।