लहलहे में भागवत कथा का भंडारे के साथ हुआ समापन

मेदिनीनगर (पलामू)

भगवत कथा के दौरान हवन यज्ञ का भी आयोजन किया गया,जिसमें आहुतियां दी गईं।सात दिवसीय भगवत कथा के समापन अवसर पर सोमवार को विशाल भंडारा का आयोजन किया गया,जिसमें आसपास के लोग महाप्रसादी ग्रहण करने पहुंचे। इसके पूर्व रविवार को अंतिम कथा सुनाते हुए 1008 मारुति किंकर जी महाराज कहा कि कि कैसे गरीब ब्राह्मण सुदामा अपनी पत्नी सुशीला के कहने पर न चाहते हुए भी द्वारिका जाने को तैयार होते हैं। सुदामा को कृष्ण से मिलने से द्वारपालों के रोकने पर सखा कृष्ण स्वयं सुदामा से मिलने नंगे पांव दौड़ आते हैं।इसके बाद कृष्ण-सुदामा को गले लगाते हैं।इस प्रसंग के दौरान कृष्ण सुदामा की मनोहारी दृश्य प्रस्तुत किया गया। जिससे भक्त श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।इसी प्रसंग के साथ कथा का समापन हो गया। रविवार को कथा समापन पर यज्ञ में हवन संपन्न हुआ और इसके बाद देर शाम तक भंडारा आयोजित किया गया। भगवत कथा के समापन पर आयोजक विवेकानंद त्रिपाठी ने कहा कि भागवत कथा में शामिल सभी श्रद्धालुओं के सहयोग से यह आयोजन सफल हुआ इसके लिए सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक धन्यवाद है।

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