गैंगस्टर अमन साव एनकाउंटर को लेकर मां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की है

रांची (झारखंड )

एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर अमन साव की मां किरण देवी ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 11 मार्च को पलामू में पुलिस द्वारा उनके बेटे के कथित एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग की है.

किरण देवी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, सीबीआई निदेशक, झारखंड गृह, सचिव, डीजीपी, एसएसपी रांची और एटीएस के अन्य अधिकारियों को इस याचिका में पार्टी बनाया है.

किरण देवी ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें आशंका थी कि पुलिस साजिश रचकर उनके बेटे को एनकाउंटर दिखाकर मार डालेगी.

अमन साहू को इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में 75 पुलिसकर्मियों की टुकड़ी के साथ चाईबासा जेल से रायपुर शिफ्ट किया गया था.

किरण देवी ने कहा कि उसे रायपुर से रांची शिफ्ट करते समय सिर्फ 12 सदस्यीय एटीएस टीम को ही लगाया गया था.

पोस्टमार्टम के बाद मृतक बदमाश की तस्वीरें उसके परिवार को सौंपी गईं याचिका के साथ तस्वीरें भी संलग्न की गई हैं.

किरण के वकील हेमंत कुमार शिकरवार ने कहा कि अमन साव के शरीर पर चोटें मुठभेड़ की नहीं बल्कि एक सुनियोजित यातनापूर्ण हत्या की ओर इशारा करती हैं.

शिकारवार ने आगे बताया कि प्रमोद कुमार सिंह के नेतृत्व वाली एटीएस टीम पहले भी फर्जी मुठभेड़ों को अंजाम देने के लिए जानी जाती है, जिसके लिए उसके खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं.

धनबाद में पदस्थ रहने के दौरान उसने पुलिस और निर्दोष नागरिकों के साथ क्रूरता भी की है. एटीएस टीम का नेतृत्व करते हुए प्रमोद कुमार सिंह ने कहा था कि अमन के गिरोह ने उन पर घात लगाकर हमला किया था.

जवाबी कार्रवाई में उन्हें फायरिंग करनी पड़ी थी. जब अमन भागने की कोशिश कर रहा था, तो उसे गोली मार दी गई.

किरण देवी ने इस तथ्य पर भी सवाल उठाया है कि पुलिस का दावा है कि अमन 500 सदस्यों वाला एक गैंगस्टर था, फिर उसके छह साथी ही उसे बचाने क्यों आए?

अमन साहू ने अपने जीवनकाल में राज्य सरकार के साथ-साथ विशेष न्यायाधीश सीबीआई रायपुर के समक्ष भी फर्जी मुठभेड़ में अपनी मौत की आशंका जताते हुए याचिका दायर की थी.

हालांकि इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, शिकारवार ने कहा. 24 मामलों में से अमन को बरी कर दिया गया है.

याचिकाकर्ता ने कहा कि वह उन दो मामलों के खिलाफ अपील दायर कर चुका है, जिनमें उसे दोषी ठहराया गया है.

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