20 अप्रैल 2023 को घर से लगभग एक किलोमीटर दूर गड्ढे से शव किया गया था बरामद
विश्रामपुर (पलामू)
विश्रामपुर थाना क्षेत्र के टोना गांव निवासी 50 वर्षीय राम सेवक पांडेय की हत्या के 18 माह बितने के बाद भी अपराधियों शिनाख्त हो पाया। पुलिस मामले को ठंडे बस्ते में डालकर जांच के नाम पर इतिश्री कर दिया। परिजन न्याय के लिए भटक रहे हैं। साथ हीं वरीय अधिकारी को आवेदन देकर अपराधियों की शिनाख्त करने की मांग करते रहे है। विदित हो कि 20 अप्रैल 2023 को धारदार हथियार से मारकर टोना गांव निवासी राम सेवक पांडेय की हत्या कर दी गई। इनका शव घर से लगभग एक किलोमीटर दूर एक नाला से बरामद किया गया। जहां से विश्रामपुर पुलिस शव को कब्जे में लेकर मेदिनीनगर स्थित मेदिनीराय मेड़िकल कॉलेज हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिया था। तत्कालीन विश्रामपुर थाना प्रभारी शशि रंजन के द्वारा शुरुआती क्रम में घटना की उद्भेदन को लेकर गंभीर थे। लेकिन कुछ दिनों बाद वे भी शांत हो गए। जिसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वर्तमान समय थाने में पदस्थापित तेज तर्रार प्रभारी सौरभ चौबे के द्वारा भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। परिजनों का कहना था कि घटना के एक दिन पूर्व लगभग पांच बजे सुबह राम सेवक पांडेय घर से महुआ चुनने निकले थे। जिसके बाद वे घर नहीं लौटे। परिजनों ने पूरी दिन गांव सहित आसपास में काफी खोज बिन करते रहे। लेकिन कहीं सुराग नहीं मिला। अगले दिन सुबह गांव से दूर एक नाले में एक शव देखा गया था। जिसकी पहचान स्थानीय लोगों सहित परिवार के सदस्यों ने राम सेवक के रूप में की। मृतक शांत स्वभाव व मृदुभाषी थे। गांव में किसी के साथ विवाद नहीं था। ऐसे में कैसे हुई हत्या आज तक अनसुलझी पहेली बन कर रह गई है।