हमारी नदी, हमारा पानी और हम पेयजल को तरस रहे है यह दुर्भाग्यपूर्ण है ,आशीष भारद्वाज

मेदिनीनगर (पलामू)

चारों तरफ़ से नदियों से घिरा है हमारा शहर मेदिनीनगर, हमारी नदियों का पानी बहकर सोन और सोन से गंगा जी होते हुए समुंद्र को चला जा रहा है और हम बूँद बूँद को तरस रहे है इससे बड़ा हमारा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है। शहर के पेय जल संकट का स्थाई इलाज है कोयल पर बांध/ बराज बनाकर केचकी संगम से सिंगरा संगम तक तटबंधी करते हुए बियर बनाकर शहर को सेकंड फ़ेज़ कनेक्टिविटी से जोड़कर पानी दिया जाये। उक्त बातें शहर के युवा बोल आशीष भारद्वाज ने चैथे दिन के “पानी यात्रा” में कहा। प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में व्याप्त पेयजल संकट के निराकरण हेतु चलाऐ जा रहे जनजागरण सह हस्ताक्षर अभियान में भारद्वाज ने कहा की टैंकर से पानी देना ये स्थाई इलाज नहीं है और पानी यात्रा के दौरान हम देख रहे है की टैंकर से सरकारी सप्लाई बिलकुल अव्यवस्थित है, टोटल फेलियर है। मैं हतप्रभ हूँ की इतने बड़े – बड़े लोग, बड़े – बड़े पदेन पदाधिकारी पलामू में है पर किसी ने अब के पहले इस संपूर्ण पेयजल संकट उपचार के बारे में क्यों नहीं सोचा, हम मिलेंगे मुख्यमंत्री से और आग्रह करेंगे की हमारी सूखती कोयल नदी, अमानत नदी और हमारे सूखते कंठ की रक्षा करें। अगर मुख्यमंत्री जी सीमित अवधि में ऐसा कार्य नहीं करते है तो पानी को लेकर हमारे पलामू से एक ऐसा आंदोलन शुरू होगा जिसमें बहुत कुछ भस्म हो जाएगा। जो भी सरकारी ज़िम्मेवार मुलाजिम है जो टैंकर सप्लाई में गड़बड़ी कर रहे है वे अपना कार्यप्रणाली बदल लें, कम से कम हमारे प्यास का सौदा ना करें वरना हमारे आक्रोश में जल जायेंगे।आज चौथे दिन के पानी यात्रा में आशा शर्मा, वैजन्ति जी, शैलेश तिवारी, नवीन तिवरी, बबलू चावला, साहेब जी नामधारी, मनीष तिवारी, दीपक प्रसाद विरमानी तिवारी, अंकित शुक्ला आरंभ अविनाश पांडे, रवि रंजन दुबे, संजय मेहता, हीरा मेहता, रितेश कुमार, अरविंद पांडे, हृदयानंद मेहता, आशुतोष तिवारी, आकाश विश्वकर्मा, राहुल गुप्ता, गोलू, धीरू, अजीत राम, देवल कुमार, नवनीत मेहता, सूरज सिंह,रोशन पाठक उपस्थित रहे।

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