महुआडांड़ (लातेहार)
महुआडांड़ में अबुआ आवास योजना आवंटन में धड़़ल्ले से नियमों की अनदेखी की गई है। महिला सामाजिक कार्यकर्त्ता अफसाना खातून द्वारा सूचनाधिकार से मिले दस्तावेजों का सत्यापन जब आवास लाभुकों के वास्तविक स्थिति से सत्यापन किया गया तब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने उजागर हुए हैं। 8 सदस्यीय सत्यापन समिति जिसमें नरेगा सहायता केंद्र की अफसाना खातून, प्रशांता किण्डों, जल साहिया कुंती देवी, महिला स्वयं सहायता समूह की सक्रिय दीदी सरस्वती देवी, वार्ड सदस्यगण दोलोरोसा मिंज, रीना देवी, अनूप कुमार एवं महुआडांड़ ग्राम पंचायत की उप मुखिया चंद्रमणि देवी ने मिलकर स्थलीय सत्यापन किया है। ग्राम प्रधान विकास उराँव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस सरकारी ग्राम सभा में इन लाभुकों की सूची तैयार की गई है उस बैठक के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
ग्राम महुआडांड़, रामपुर एवं दीपाटोली के 13 परिवारों को अबुआ आवास योजना आवंटित किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायतकर्मियों द्वारा सरकारी मापदंडों की धज्जियां उड़ाई गई है। महुआडांड़ की लाभुक पिंकी देवी पति अमित, कुमार इनका पंजीकृत आईडी 1310872 है। इनके परिवार में पहले से दो जगह पर तीन मंजिला पक्के मकान हैं। रामपुर चौक में उनका किराना दुकान एवं होटल है। साथ ही तीसरा पक्का मकान भी है जिसमें किराये पर सेवा सदन नामक निजी अस्पताल संचालित है। संगीता सिंह पति जितेंद्र सिंह (आईडी 1355701), ये झारखंड के निवासी हैं ही नहीं ये बिहार राज्य के निवासी हैं। उनके पति सीआरपीएफ के जवान हैं। गौरी देवी पति महेंद्र प्रसाद (आईडी 1322955), यह परिवार वर्त्तमान में स्वयं के पक्के मकान में रह रहे हैं तथा महेंद्र प्रसाद झारखंड पुलिस में नौकरी करते हैं। ऐसे ही कई अन्य लाभुक हैं जो अबुआ आवास योजना में निर्धारित मापदण्डों के सर्वथा अयोग्य हैं।
क्या है अबुआ आवास योजना के लिए सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड
सरकार ने अबुआ आवास योजना के लिए वैसे परिवारों को प्राथमिकता सूची में शामिल करने हेतु मापदण्ड निर्धारित किए हैं जो परिवार अब तक कच्चे घरों में रह रहे हों। आवासविहीन एवं निराश्रित परिवार। विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (PVTG) के परिवार। प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार। कानूनी तौर पर रिहा किए गए बंधुआ मजदूर परिवार। ऐसे परिवार जिन्हें राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार द्वारा संचालित आवास योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण / बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर आवास योजना / बिरसा आवास योजना / इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिला हो।
मिथ्या जानकारी देने वालों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है
अबुआ आवास योजना का लाभ लेने हेतु सरकार ने लाभुकों से निर्धारित आवेदन पत्र में बुनियादी जानकारी मांगी गई थी। जिसमें पारिवारिक विवरणी, आय के साधन एवं वार्षिक आय, वर्त्तमान आवास की स्थिति, पूर्व से यदि पक्का आवास है तो उसकी जानकारी भी आवेदन पत्र में दर्ज करना अनिवार्य था। आवेदन के अंत में लाभुक ने इस घोषणा के साथ हस्ताक्षर किया है कि मेरे द्वारा दी गई उपर्युक्त सभी सूचना सही है एवं गलत सूचना के लिए मैं स्वयं जिम्मेवार हूँ। यदि मेरे द्वारा गलत सूचना दी जाती है तो मेरे ऊपर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय दण्ड सहिंता 1860 की धारा 177, स्पष्ट कहता है कि किसी लोक सेवक या अधिकारी को झूठी जानकारी देना एक अपराध है। इस आधार पर प्रशासनिक जांच में मामले सही पाए जाते हैं तो ऐसे फर्जी लाभुकों पर प्रशासन प्राथमिकी दर्ज करा सकेगा साथ ही ब्याज के साथ सरकारी राशि की वसूली की जा सकेगी।