लाखों का सुव्यवस्थित आवास, फिर भी स्वयं सेवक की अपनी पत्नी के नाम मिला अबुआ आवास योजना का लाभ

विश्रामपुर (पलामू)

झारखंड में अबुआ राज की परिकल्पना को साकार करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा धरातल पर अबुआ आवास योजना की शुरुआत की गई है। अबुआ आवास योजना के तहत गरीब व जरूरतमंद परिवारों को तीन कमरों का घर उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन पंचायत के जिम्मेवार लोगों की निष्क्रियता के कारण गरीब व जरूरतमंद परिवार योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। विश्रामपुर प्रखंड का सिगसीगी पंचायत जहां पंचायत के जिम्मेवार लोगों की मिलीभगत से स्वयं सेवक रिंकू चौधरी अपनी पत्नी के नाम अबुआ आवास योजना का लाभ लेने में सफल हुआ। जबकि सक्षम लोगों को योजना का लाभ किसी भी स्थिति नहीं दिया जा सकता। इतना हीं नहीं सरकार की ओर से इसके लिए गाइड लाइन जारी किए गए हैं। साथ हीं स्पष्ट निर्देशित है कि इस योजना के तहत उन जरूरतमंद लोगों को लाभ दिया जाएगा जिनके पास घर नहीं है। इसके साथ हीं जिन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल चुका है या मिल रहा है। उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। लेकिन सिगसीगी पंचायत के जिम्मेवार लोगों के द्वारा सरकार की गाइड लाइन को ठेंगा दिखाते हुए पंचायत के स्वयं सेवक की पत्नी को योजना का लाभ दिया गया। जिसकी पहली किश्त की राशि भी उसके खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। पंचायत स्वयं सेवक रिंकू चौधरी का बिश्रामपुर उंटारी रोड मुख्य पथ पर सुव्यवस्थित लगभग 2000 वर्ग फीट का आवास है। जिसका उपयोग व्यवसायिक कार्यों में भी किया जा रहा है। इनका लाखों का अपना कारोबार भी है। फिर भी पंचायत के जिम्मेवार लोगों की से अबुआ आवास योजना का लाभ अपनी पत्नी के नाम लेने में सफल हुए।
गलत तरीके से अबुआ आवास योजना का लाभ लेने की होड़ प्रखंड के सभी पंचायतों में मची है। मुखिया, पंचायत सेवक, स्वयं सेवक आदि खुलेआम राशि अपने स्तर से वसूल रहे हैं। अलग अलग क्षेत्रों से पैसा वसूलने की शिकायत के बाद राज्य सरकार के द्वारा निर्देशित किया गया है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी लाभार्थियों के घर पहुंच स्वयं स्थलीय निरीक्षण करेंगे। भौतिक सत्यापन व वास्तविक स्थिति की जानकारी लेते हुए गाइड लाइन के अनुसार राशि भुगतान के लिए जिला को सूची भेजा जाना है। फिर भी अयोग्य लाभुक योजना का लाभ लेने में सफल हैं।

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