बरवाडीह (लातेहार)
बेतला नेशनल पार्क के सटे बुचीदाडी गांव मे पांच वर्षीय जंगली हाथी का शव बरामद हुआ है। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर हाथी का शव को जब्त कर पोस्मार्ट के बाद दफना किया गया।हालांकि हाथी की मौत कैसे हुई इसकी अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है।
वन विभाग की टीम को बुधवार को सूचना मिली कि बेतला के बुचीदाड़ी गांव के पास धान के खेत के बगल में एक जंगली हाथी की मौत हो गई है।सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम अलर्ट हुई और डिप्टी डायरेक्टर पीके जेना के निर्देश पर विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची। वहां हाथी मृत अवस्था में पड़ा हुआ था.। वन विभाग की टीम ने इसकी पूरी रिपोर्ट डिप्टी डायरेक्टर और अन्य वरीय अधिकारियों को दी। इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर पीके जेना ने बताया कि हाथी की मौत हुई है पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल टीम के द्वारा मृत हाथी की पोस्मार्टम के शव को दफना दिया गया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि हाथी की मौत कैसे हुई है बिना दांत वाला है हाथी : बताया जाता है कि जो हाथी मृत अवस्था में पाया गया है उस प्रजाति के हाथी के दांत नहीं होते हैं। बेतला क्षेत्र में इस प्रकार के हाथी पाए जाते हैं। हालांकि हाथी की मौत कैसे हुई, इसकी पुष्टि तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी, लेकिन धान के खेत के पास हाथी का शव मिलने से कई प्रकार की संभावनाएं भी उत्पन्न होने लगी है। लगातार कम हो रही है हाथियों की संख्या यहां बताते चलें कि झारखंड राज्य में हाथियों की संख्या लगातार कम हो रही है। पिछले 8 वर्षों में झारखंड राज्य में हाथियों की संख्या में भारी कमी आई है। वर्ष 2017 में जहां झारखंड में हाथियों की संख्या 600 से अधिक थी। वहीं वर्ष 2025 में यह संख्या घटकर मात्र 217 रह गई.। इनमें पलामू टाइगर रिजर्व और पूरे पलामू प्रमंडल में हाथियों की संख्या लगभग 130 बताई गई है। हाथियों की संख्या में लगातार गिरावट आने से वन विभाग भी चिंतित है। इधर, बुधवार को बेतला रेंज में हाथी की मौत के बाद यह चिंता और भी बढ़ गई है। यहां एक बात और महत्वपूर्ण है कि पिछले तीन वर्षों के अंतराल में जिले में अलग-अलग घटनाओं में 6 से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है

