पांच करोड़ का सोना लूट कांड में शामिल अपराधी के साथ चार अन्य देसी कट्टा के साथ किया गिरफ्तार

छतरपुर (पलामू)

छतरपुर पुलिस ने बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के कई थानों में दर्ज कई मामले के नामजत कुख्यात डकैती का अंजाम देने वाले पांच अपराधियों को एक देसी कट्टा, एक जिंदा गोली 16 मोबाइल फोन इत्यादि के साथ गिरफ्तार कर शुक्रवार को न्यायिक हिरासत भेजा। इस बाबत छतरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अवध कुमार यादव व थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद ने बताया कि उक्त तीनों राज्यों के कई थानों में इन अपराधियों का नाम कई मामलों में दर्ज है।

उन्होंने बताया कि उक्त मामले में डब्लू प्रसाद साव उर्फ़ डब्लू कुमार साव पिता स्वर्गीय भोला साव, ग्राम खेंद्रा कला थाना छतरपुर, सुशील कुमार यादव उर्फ छोटू यादव पिता सुरेंद्र यादव ग्राम गुर्दी वर्तमान पता सोनवाटांड़ भव फैक्ट्री छतरपुर, रितेश कुमार पासवान पिता संजय पासवान ग्राम नौडीहा खजूरी थाना छतरपुर, छोटू कुमार उर्फ बाबा पिता विजय साव ग्राम खाटीन थाना छतरपुर,ओम प्रकाश कुमार पिता स्वर्गीय उपेंद्र प्रसाद गुप्ता ग्राम खाटीन थाना छतरपुर को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत भेजा जा रहा है।

बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के पास से तीन मोटरसाइकिल, 16 मोबाइल फोन, एक इन्वर्टर बैटरी, एक गैस सिलेंडर, एक देसी कट्टा और एक जिंदा गोली बरामद की गई है।यह कार्रवाई छतरपुर थाना में दर्ज कई कांड के आलोक में किया गया। आपको बताते चलें कि मामला 30 सितम्बर की रात का है जब वादी आनंद कुमार मेला घूमकर घर लौट रहे थे। इसी दौरान मंदेया ओवर ब्रिज के पास दो बाइक पर सवार पाँच युवकों ने पिस्तौल दिखाकर मोबाइल लूट लिया। इस संबंध में पलामू पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम ने त्वरित छापेमारी कर सभी अपराधियों को दबोच लिया। पूछताछ में गिरफ्तार उक्त सभी अपराधियों ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वे लंबे समय से राहगीरों से मोबाइल फोन, मोटरसाइकिल और पैसे की लूटपाट करते थे।

गिरफ्तार अपराधियों में डब्लू प्रसाद साव का पूर्व में भी कई आपराधिक मामलों में नामजद रिकॉर्ड रहा है। इसका नाम छत्तीसगढ़ में लगभग पाँच करोड़ सोना लूटकांड में भी शामिल अपराधियों में रहा है। छापेमारी दल में शामिल छतरपुर थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद, पु.अ.नि. सुशील उरांव, पु.अ.नि. अनिल कुमार रजक, पु.अ.नि. इंद्रजीत कुमार राणा, राजीव कुमार, सशस्त्र बल के जवान शामिल थे इसमें तकनीकी शाखा पलामू का भी अहम योगदान रहा।

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