शिक्षकों का तीन दिवसीय कैस्केड वर्कशॉप संपन्न

मेदिनीनगर (पलामू)

बीआरसी. सूदना में 8 से 10 सितंबर तक आयोजित पलामू जिला स्तरीय तीन दिवसीय कैस्केड वर्कशॉप IRISE के बैनर तले बुधवार को सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम का उदेश्य जिले के विज्ञान एवं गणित शिक्षकों को STEM. (विज्ञान प्रौद्योगिकी, इंजिनियरिंग और गणित) के नवीनतम तकनीकों साथ ही शैक्षणिक उपकरणों से परिचित कराना था, ताकि वे कक्षा में बच्चों की रूचि बढा सकें.वही उन्हें रटने के बजाय समझने की प्रवृति विकसित करने पर जो दिया जा सके.

समापन समारोह में पलामू एडीपीओ अंबुजा पाण्डेय
ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षक समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि यह शिक्षण पद्धतियों में नवचार को प्रोत्साहित करते हैं.उन्होने यह भी कहा कि शिक्षक अब इन प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को अपने विद्यालयों में क्रियान्वित करेगें. इससे छात्रों में विज्ञान और गणित के प्रति रुचि और उत्साह पैदा होगा.

कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित ए.पी.ओ. पलामू मनोज मिश्रा ने कहा कि यह प्रशिक्षण पलामू जिले के सभी शिक्षकों के लिए अद्वितीय अवसर था, जहां उन्होने नवीनतम शिक्षण तकनीकों को समझा और सीखा.

IRISE पुणे और झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद )के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम के दुसरे चरण के तहत प्रशिक्षित पलामू जिले के चार Innovation Champions (ICs) नीरज कुमार पाण्डेय, दीपक कुमार, कंचन बाला एवं दीपक कुमार रंजन ने इस प्रशिक्षण को सफलता पूर्वक संचालित किया.इन शिक्षकों ने अपनें अनुभव और ज्ञान को साझा करते हुए प्रशिक्षण में भग लेने वाले 68 शिक्षकों को सक्रिय रूप से विभिन्न गतिविधियों में संलग्न किया.

इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को अत्यधिक प्रभावशाली और प्रेरणादायक बताया. उन्होने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उनके शिक्षण दृष्टिकोण को और अधिक सृजनात्मक और प्रभावशाली बनाएगें.जिससे छात्रों को विज्ञान और गणित में बेहतर समझ प्राप्त होगी.

कार्यक्रम का समापन IRISE पुणे के प्रतिनिधि पंकज यादव की उपस्थिति में हुआ.उन्होंने सभी शिक्षकों को भविष्य में इस ज्ञान का उपयोग कर अपनी शिक्षण पद्धतियों में सुधार करने के लिए प्रेरित करते हुए शुभकामनाएं दी.

धन्यवाद ज्ञापित करते हुए नीरज कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद और भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान (IISER) पुणे ने मिलकर किया साथ ही विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग (भारत सरकार) रॉयल सोसाईटी ऑफ केमिस्ट्री, ब्रिटिश काउंसिल, टाटा ट्रस्ट एवं टाटा टेक्नोलॉजीज का भी सहयोग रहा.

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