13 राज्यों से 90 शिक्षकों ने किया शिरकत
उंटारी रोड (पलामू)
राजस्थान के उदयपुर में आयोजित सांस्कृतिक स्रोत और प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यशाला में उंटारी रोड़ प्रखंड के राजकीय उक्रमित मध्य विद्यालय नावगढ़ के सहायक शिक्षक राजेश कुमार मिश्र ने झारखंड की ओर से शिरकत किया। सीसीआरटी उदयपुर में आयोजित पंद्रह दिवसीय यह कार्यशाला में एनईपी 2020 के अनुरूप शिक्षा में कठपुतली कला की भूमिका पर आयोजित की गई थी। 15 दिवसीय इस कार्यशाला में केरल, आंध्रप्रदेश, अरुणाचल, छत्तीसगढ़,पश्चिम बंगाल, राजस्थान सहित 13 राज्यों से 90 शिक्षकों शामिल हुए। जिसमें झारखंड से पलामू के राजेश कुमार मिश्र के अलावे चतरा से रत्नाकर पांडेय, पवन कुमार, राजेश राम,अरुण कुमार व बोकारो से अनूप एक्का शामिल हुए। इस कार्यशाला में प्रशिक्षुओं को कठपुतली के माध्यम से कला समेकित शिक्षण की प्रक्रिया से लेकर कठपुतली निर्माण, स्क्रिप्ट राइटिंग व स्टोरी टेलिंग आदि के गुर सिखाए गए। इस कार्यशाला में जहां राजस्थान की विरासत में कठपुतली कला की भूमिका का प्रदर्शन किया गया। वहीं देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रशिक्षुओ ने भी अपने अपने राज्यों के सांस्कृतिक एवं लोक परंपराओं की चर्चाएं की। झारखंड के प्रतिभागियों ने झारखंड के समृद्ध सांस्कृतिक विरासतों, खनिज सम्पदाओं, प्राकृतिक सुषमाओं का वर्णन व प्रदर्शन पावर प्वाइंट व झारखंड के नृत्य संगीतों के द्वारा किया।
राजेश कुमार मिश्र अपने प्रदर्शन के माध्यम से इस प्रशिक्षण सह कार्यशाला में उपस्थित मिनी भारत को बताया की झारखंड की संस्कृति भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति में एक विशिष्ट स्थान रखती है। यह राज्य आदिवासी परम्पराओं,लोक कलाओं, लोक नृत्यों,लोक संगीतों व खान-पान के कारण आपने आप में अनूठा है। पावर प्वाइंट का प्रजेंटेशन कर रहें अन्य प्रशिक्षुओं ने कहा की प्रकृति ने हमें समृद्ध खनीज भंडारों से नवाजा है। हमारे खनीज देश के विकाश में अहम भूमिका निभाती हैं। इस प्रशिक्षण में वोटिंग के आधार पर बेहतर प्रदर्शन के लिए राजेश कुमार मिश्र को उनकी स्केच भेंट किया।

