प्रख्यात मराठी उपन्यासकार विश्वास पाटिल को सम्मानित किया गया

मेदिनीनगर (पलामू)

नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शंभाजी महाराज, शिवाजी महाराज के जीवन पर व अन्य सामाजिक तथा ऐतिहासिक घटनाओं पर लिखने वाले
प्रख्यात मराठी उपन्यासकार, नाटककार, फिल्म निर्देशक व सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विश्वास पाटिल को पलामू में सम्मानित किया गया। वे शिवाजी महाराज पर लिखे जाने वाले अपने उपन्यास के तीसरे भाग के शोध कार्यों के लिए पलामू आए थे। गुरु वार को उन्हे मासूम आर्ट ग्रुप के द्वारा
मां स्वरस्वती वरपुत्र सम्मान से सम्मानित किया गया। पलामू के वरीय पत्रकार गोकुल वसंत, फिल्मकार आशुतोष पाठक, व्यवसायी अमित आनंद, रंगकर्मी सैकत चटर्जी व मुनमुन चक्रवर्ती ने उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की औरंगजेब के आक्रमण से बचते हुए जब महाराज शिवाजी जब भाग रहे थे तो उन्होंने काफी लंबी यात्रा की। ऐसी संभावना दिखती है की उस समय उनका पलामू के रास्ते आगमन हुआ होगा। इसी विषय पर शोध के सिलसिले में वे पलामू आए। उन्होंने पलामू किला का भी दौरा किया और कहा की यह उस समय की आदिवासी राजाओं की बर्चस्व और शासन की क्षमता को दर्शाता है। श्री पाटिल ने यहां के कलाकारों से भी बातचीत की। वरीय पत्रकार गोकुल वसंत ने कहा की पलामू के इतिहास का सम्पूर्ण लेखन की आवश्यकता है। उन्होंने श्री पाटिल से कई बिंदुओं पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन मासूम आर्ट ग्रुप के सचिव सैकत चटर्जी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अमर कुमार भांजा, राज प्रतीक पाल, शहजादा तालिब का सक्रिय योगदान रहा।

कौन है विश्वास पाटिल

विश्वास पाटिल का जन्म 28 नवंबर 1959 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर ज़िला में हुआ। विश्वास पाटिल 1986 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। विश्वास पाटिल मराठी साहित्य में विशेष रूप से ऐतिहासिक कादंबरी और सामाजिक कादंबरी लेखन के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी प्रमुख कृतियों में पानिपत , झाडझडती, नागकेशर, सामना, महानायक, शंभाजी आदि है, महामोही एक ऐतिहासिक कादंबरी है जिसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। श्री पाटिल कई मराठी व हिंदी फिल्मों के लिए पटकथा लेखन भी किया।

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