एनिमिया मुक्त झारखंड सप्ताह:डीसी समेत अन्य ने दीपप्रज्वलन कर जिले में अभियान का किया शुभारंभ

जिले में 16 जून से 21 जून तक चलाया जायेगा विशेष अभियान

एनिमिया के मरीजों का ट्रैकिंग ज़रूरी:उपायुक्त

मेदिनीनगर (पलामू)

एनिमिया मुक्त झारखंड सप्ताह का पलामू जिले में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी समीरा एस व उप विकास आयुक्त समेत अन्य द्वारा दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया गया।शुभारंभ के पश्चात समाहरणालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग,शिक्षा विभाग व समाज कल्याण से आये प्रतिनिधियों को इस अभियान के तहत होने वाली गतिविधियों से अवगत कराया गया।पीपीटी के माध्यम से सभी को अनीमिया के कारणों,संकेत व लक्षण,अनीमिया का बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव,समूहों को लक्षित कैसे किया जाना है जैसे विषयों पर विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अनिल ने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों,आंगनबाड़ी केंद्रों व सभी विद्यालयों में एनिमिया मुक्त झारखंड कार्यक्रम सघन रूप से चलाया जाएगा।इस अभियान के तहत छह माह से 59 माह तक के बच्चों को आयरन सिरप,पांच से नौ वर्ष के बच्चों को गुलाबी रंग का टेबलेट और 10 से 19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को नीली रंग का आयरन की गोली खिलाई जाएगी। वहीं गर्भवती व धात्री महिलाओं को एएनएम तथा प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं को सहिया के द्वारा दवा दी जानी है।उन्होंने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते हुए दवा वितरण,प्रशिक्षण रोल आउट, स्वास्थ्य विभाग,महिला व बाल विकास,शिक्षा,जनसंपर्क,पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा किए जानेवाले कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में 19 कैम्प लगाया जायेगा।उन्होंने कहा कि 5 वर्ष के उपर वैसे बच्चे जिनका कहीं नामंकन नहीं है उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलायी जायेगी.

एनिमिया के मरीजों का ट्रैकिंग ज़रूरी:उपायुक्त

बैठक में उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान का सकारात्मक परिणाम आये यह सुनिश्चित करें।उन्होंने सीएस से कहा सिर्फ मरीजों को चिन्हित करने व दवाई देने से काम नहीं चलने वाला।उन्होंने मरीज़ों के ट्रैकिंग पर बल दिया।उन्होंने सीएस को अगले छह बाद चिन्हित किये गये मरीजों के अद्यतन स्तिथि से अवगत कराने की बात कही।इसके अलावे उन्होंने अभियान खत्म होने के पश्चात चिन्हित किये गये मरीज़ों की सूची की भी मांग की।उन्होंने समाज कल्याण,शिक्षा व स्वास्थ्य के पदाधिकारियों से अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक समन्वय स्थापित करते हुए निर्वहन करें।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।इसके तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुसार नियमित और पर्याप्त मात्रा में दवा की आपूर्ति सुनिश्चित करना,एनिमिया मुक्त झारखंड से संबंधित प्रशिक्षण और आइइसी सामग्री का निर्माण व संबंधित हितधारक विभागों के समन्वय से सभी फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए राज्य,जिला और प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण देना है।

इस मौके पर उपायुक्त,उप विकास आयुक्त,सिविल सर्जन,डीएसइ,सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी,स्वास्थ्य डीपीएम समेत स्वास्थ्य,समाज कल्याण व शिक्षा के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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