मेदिनीनगर (पलामू)
मासूम आर्ट ग्रुप के चेयरमैन सैकत चटर्जी अपने दफ्तर सह रिहर्सल हाउस आमंत्रित किए। बांग्ला अनुवादित “संध्या तारा” नाटक का रिहर्सल देखे। मेरा आंख भर आया गला भरभरा गया। पढ़ें थे जिसका रात का आलम ये है तो दिन का नजारा क्या होगा। यह नाटक 09 जून को शिमला में खेला जाना है और आखरी रंगमंचीय पूर्वाभ्यास बाकी है,इसके पूर्वानुमान हम कर बैठे की नाटक “संध्या तारा” का प्रथम पुरस्कार पलामू निश्चित आएगा। कथानक है बुढ़ा मां बाप और दो बेटे एक बेटी के बीच घर बिक्री के पैसे बंटवारे एवं परवरिश की। बेटा नौकरी पर हैं बेटी ससुराल में मां पिता को कोई रखना नहीं चाहता है। पैसे बंटवारे के लालच में मां बाप को बांट लेते हैं। बेटी मां को यह सोच कर रखती है महानगर में नौकरानी महंगा मिलती है घर के चौका बर्तन कर देगी। बेटा बहु सोचते हैं ड्यूटी जाने के बाद मेरे बेटा को स्कूल छोड़ देंगे सब्जी व अन्य घरेलू काम पिताजी निबटा देंगे। यह भावना से आहत घर छद्म तरीके से बिका था,बेटे बहु के असली चरित्र उजागर हो जाता है। बूढ़े मां बाप एक ही जगह रहने का निर्णय लेते हैं। यह नाटक वर्तमान सामाजिक परिवेश में हर घर की कहानी है जो हर प्रवासी नौकरी पेशा वाले कमाऊ बेटे के लिए प्रेरणाश्रोत और नजर खोलने वाला नाटक सिद्ध होगा। सैकत दा मुनमुन चक्रवर्ती जी केंद्रीय अभिनय में बहुत ही लाजवाब युग्मजोड़ी रहे। हमारे ख्याल से पलामू में खेल कला संस्कृति के लायक को मंच नहीं है जिसके चलते प्रतिभा दब जा रहा है। हम सरकार और पलामू प्रशासन से मांग करते हैं खिलाड़ियों के लिए बेहतर स्टेडियम सांस्कृतिक कार्यक्रम नाटक के लिए हॉल का निर्माण करें ताकि पलामू का प्रतिभा राष्ट्रीय स्तर पर अपना जौहर दिखा सकें। सभी अभिनयकर्ताओं कामरूप सिंहा,अमर भांजा,कनक लता तिर्की,संध्या शेखर,शहजादा तालिब,गुलशन मिश्रा जी को शुक्रिया आपकी यात्रा सफल व सुखद हो आप विजेता बन कर सकुशल लौटें। धन्यवाद!