पटना में आयोजित प्रजापति हुंकार रैली में शामिल हुए अविनाश देव, कुम्हारों की राजनीतिक हिस्सेदारी की उठी मांग

बिहार के कुम्हारों ने भरी हुंकार, अब राजनीति में हिस्सेदारी चाहिए : अविनाश देव

मेदिनीनगर (पलामू)

बिहार कुम्हार समन्वय समिति के बैनर तले पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में आयोजित प्रजापति हुंकार रैली में भारी संख्या में कुम्हार समाज के लोगों ने भाग लिया। इस ऐतिहासिक रैली में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के युवा नेता सह संत मरियम स्कूल के चेयरमैन अविनाश देव ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। रैली के दौरान कुम्हार समाज की राजनीतिक भागीदारी, सामाजिक न्याय और माटीकला बोर्ड गठन जैसे अहम मुद्दों पर जोरदार आवाज उठाई गई।

रैली की शुरुआत दीप-प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें श्री अविनाश देव एवं अन्य प्रमुख अतिथियों ने भाग लिया। बिहार कुम्हार समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष एवं सचिव ने श्री देव का अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंट कर भव्य स्वागत किया। मंच तक पहुँचने पर गगनभेदी नारों के बीच समाज के प्रतिनिधियों ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया।

अविनाश देव ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा कि यह वही बिहार है, जहां से हर बड़े बदलाव की चिंगारी निकली है। काका कालेलकर आयोग से लेकर मंडल आयोग तक ने सामाजिक न्याय की नींव रखी, लेकिन कुम्हार समाज आज भी राजनीतिक उपेक्षा का शिकार है। यदि ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ सच में लागू हो जाए तो कुम्हार समाज को भी उसका वाजिब हक मिलना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में माटीकला बोर्ड का गठन हो चुका है, परंतु बिहार में अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि कुम्हार समाज को राजनीतिक हिस्सेदारी प्रदान की जाए, ताकि सामाजिक न्याय का सपना साकार हो सके।

रैली में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों से आए समाज के प्रतिनिधियों और नेताओं ने भी अपनी बात रखी और एकजुटता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो कुम्हार समाज दिल्ली की ओर कूच करेगा। समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष रूपेश जी एवं पिंटू जी के नेतृत्व में यह रैली बिहार की सड़कों पर सुनामी के रूप में नज़र आई। श्री देव ने इस अवसर पर कहा कि यह एकजुटता भविष्य के चुनावों में निर्णायक साबित होगी और कुम्हार समाज को उसका हक दिलाए बिना दम नहीं लेंगे।

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