लातेहार (झारखंड)
जिले के हेरहंज ग्राम निवासी दुखी साव (55) की मौत हो गयी. वह लातेहार सदर थाना क्षेत्र के जालिम खुर्द गांव में अपने ससुराल आये थे.
परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से अधेड़ की मौत हो गयी है. दुखी साव की मौत के बाद परिजनों ने शव के साथ बुधवार को धर्मपुर मोड़ के पास सड़क जाम की.
सड़क जाम की सूचना पर जालिमखुर्द गांव की मुखिया सुनीता देवी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविंद कुमार और अंचलाधिकारी अरविंद देवाशीष टोप्पो मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से जाम हटाने का आग्रह किया. लेकिन प्रदर्शनकारी मानने को तैयार नहीं हैं.
ऐसे में पुलिस ने जाम हटाने के लिए हल्का बल का प्रयोग किया. जिसके बाद जाम हटा. एसडीपीओ अरविंद कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है. रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जायेगी.
सादे लिबास में आकर पुलिस ने लोगों के साथ की पिटाई
परिजनों ने मीडिया कर्मियों को बताया कि बीते 12 मई की रात पुलिस सादे लिबास में उनके घर आयी थी और लोगों की बेरहमी से पिटायी की थी.
उनका आरोप है कि पुलिस ने महिला और बच्चो की भी बेरहमी से पिटाई की है. साथ ही मोबाइल व अन्य सामान भी लूट लिये. पुलिस की पिटाई से अंदरूनी चोट लगने की वजह से दुखी प्रसाद की मौत हो गयी.
पुलिस ने घटना से किया इनकार
इधर पुलिस ने इस घटना से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि अवैध निर्माण की सूचना पर पुलिस गांव गयी थी. वहां ग्रामीणों ने उन पर हमला किया था. इसमें थाना प्रभारी समेत आठ पुलिस कर्मी घायल हो गये थे.
पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इनमें रौशन कुमार, पिंटू कुमार, सुनिल कुमार, पंकज कुमार और जितेन्द्र कुमार साव शामिल हैं.
प्रदर्शनकारी मुकदमा वापस लेने की कर रहे मांग
हालांकि परिजनों का कहना है कि पुलिस ने झूठे मुकदमे में फंसाकर उन्हें जेल भेजा है. प्रदर्शनकारी पांचों लोगों पर दायर मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहे थे. जाम के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी थी.

