मेदिनीनगर (पलामू)
वर्तमान समय में तमाम देशों में जो परिदृश्य दिख रहा है, वह मानवता को कलंकित कर रहा है। जिस तरह से उन्नत प्रौद्योगिकी के दौर में विज्ञान अपने पैर पसारता जा रहा है, मानव जीवन को सुगम बनाने के लिए वैज्ञानिक तमाम आविष्कार कर रहे हैं, सोशल मीडिया के दौर में भाईचारा एवं सौहार्द होना चाहिए, लेकिन हृदय की संवेदना इस कदर छिन गई है कि लोग अपने धर्म की ध्वजा फहराने और अपने देश को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए बेपरवाह लहू की धाराएं बहा रहे हैं, जो मानव जाति के लिए निंदनीय है। उक्त बातें संत मरियम स्कूल के चेयरमैन अविनाश देव ने प्रार्थना सभा में बच्चों को कहीं। आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा के महत्व के साथ-साथ जीवन के उद्देश्य को भी समझना ज़रूरी है। जिस तरह से हम धर्म को आराध्य मानते हैं, उसी प्रकार अध्यात्म को भी अपने जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है, ताकि हम अपने जीवन के उद्देश्य को समझ सकें। शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी सीखना है, ताकि हम हृदय को संवेदनशील बना सकें। वैज्ञानिक परख प्रवृत्ति के साथ-साथ आत्मज्ञान को भी अर्जित करना होगा, ताकि हम अपने देश में भाईचारे व सौहार्द की सुगंध बिखेर सकें।
चेयरमैन अविनाश देव ने छात्रों एवं छात्राओं को उत्कृष्टता के साथ शिक्षा ग्रहण करने के लिए कहा। साथ ही, कहा कि इसका उद्देश्य अपने निजी स्वार्थ एवं सिर्फ़ परिवार की खातिर नहीं, बल्कि समाज और देश के लिए भी होना चाहिए, क्योंकि जब तक हमारे देश में स्नेह का संबंध, सहिष्णुता की सुगंध, नैतिकता का निर्वाह और पवित्रता की परवाह नहीं होगी, तब तक हमारा घर, परिवार और समाज भी सुरक्षित नहीं होगा।