हजारीबाग (झारखंड)
हजारीबाग का बड़कागांव प्रखंड इन दिनों विस्थापन को लेकर पूरे राज्य भर में चर्चा में है। विस्थापन की को लेकर उठ रहे समस्या को लेकर NTPC कोल खनन परियोजना के विस्थापितों की समस्याओं के समाधान को लेकर हजारीबाग समरणालय में उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक का आयोजन झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री के निर्देश पर किया गया। जिसमें विस्थापन, पुनर्वास, मुआवजा, प्रदूषण,रोजगार, सड़क, ब्लास्टिंग के समय स्थानीय लोगों की और समस्या सड़क दुर्घटना उचित मुआवजा नहीं मिलना, धार्मिक स्थल का पुनर्स्थापना, समेत कई मुद्दे पर चर्चा किया गया। विभिन्न समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आयुक्त ने 3 से 4 समितियों के गठित करने पर बल दिया। निर्धारित कमेटी हरेक माह में संबंधित समस्याओं का सर्वे करके उचित समाधान प्रस्तुत करेगी।जिसके उपरांत इन समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
उतरी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार ने कहा समाज की प्रगति, आर्थिक समृद्धि और लोगों की भलाई के लिए एक विकास एक महत्वपूर्ण अवयव है। लेकिन, यह भी अत्यंत आवश्यक है कि जिनके ज़मीन पर विकास हो रहा है, उन स्थानीय निवासियों और प्रभावित लोगों की समस्याओं और चिंताओं को नजरअंदाज न किया जाए एवं उनके समस्याओं का समाधान करते हुए विकास की ओर कदम बढ़ाया जाए।उन्हें उचित मुआवजा, रोजगार के अवसर और संभावित भूमि पुनर्वास जैसे विकल्प प्रदान किए जाएं।
हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि कई ऐसे नियम है NTPC के तर्कसंगत नहीं है। पहले विस्थापितों को बसाने का काम करना चाहिए ।इसके बाद विस्थापित करना चाहिए। 2016 में कोई अगर जमीन का अधिग्रहण करता है और 2021 में उसे मुआवजा 2016 के अनुसार होता है तो यह भी गलत है।
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री योगेंद्र सोनी इस पूरे बैठक को ही कटघरे में खड़ा कर दिया ।और कहा कि सिर्फ कमेटी बनती है लेकिन विस्थापितों को लाभ नहीं मिलता है। समस्या का समाधान करना है तो एक्सपर्ट को बुलाकर हर बिंदुओं पर चर्चा करने की आवश्यकता है। इस बैठक से संतुष्ट नहीं है।
बैठक में शामिल रैयत्तों ने भी कहा कि NTPC के दबाव में बैठक का आयोजन किया गया था। जिसका उद्देश्य विस्थापित के समस्या को समाधान करना था। ऐसा हुआ नहीं और सिर्फ और सिर्फ NTPC और प्रशासन अपनी बात कह कर समस्या का समाधान करने का वादा किया है ।उन्होंने कहा कि कमेटी का गठन होता है तब तक NTPC का काम ही बंद होना चाहिए ।एक तरफ कमेटी अपना विचार देगी और दूसरे तरफ काम होते रहेगा। ऐसे में विस्थापितों को कहां न्याय मिलेगा। जिसमें NTPC पदाधिकारी, हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल, बड़का गांव विधायक रोशन लाल चौधरी, झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, पूर्व विधायक अंबा प्रसाद और विस्थापित परिवार के सदस्य शामिल हुए।