विश्रामपुर में जल जीवन मिशन का हाल: करोड़ों रुपये खर्च,फिर भी एक किमी दूर से पानी ला रहे लोग, दो साल बाद भी आधा-अधूरा काम

विश्रामपुर (पलामू )

केंद्र सरकार की ओर हर घर को पानीयुक्त बनाने के लिए शुरू किया गया जल जीवन मिशन फेल होता नजर आ रहा है। विश्रामपुर प्रखंड के सभी पंचायतों में ‘हर घर नल से जल’ देने की योजना में सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा। यह समस्या किसी एक पंचायत या किसी एक गांव की नहीं है, अधिकतर गांवों की है।

विश्रामपुर प्रखंड के सभी दस पंचायतों में योजना की शुरुआत की गई। जो दो वर्ष बाद भी अधुरा पड़ा है। कई गांवों में केवल जलमीनार खड़ा तो कहीं पाइपलाइन का काम अधूरा है। अधिकारी अपनी कमी छुपाने के लिए कागजों में काम पूरा कर दिए हैं, लेकिन अभी कई गांवों मे पाईप लाईन बिछाना, जलमिनार खड़ा करना, नल लगाना बाकी है। जहां टोंटियां लगी हैं वहां पानी नहीं आ रहा है। गौरा का गटियाही नौका टोला के के लोग पेय जल को लेकर पूरे दिन परेशान रहते हैं। उन्हें 1 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। छोटे-छोटे बच्चियां जो पानी लेने के लिए माथे पर डेकची व हाथों में बाल्टी लिए जा रहे थे। जो कैमरे से फोटो लेते देख भाग खड़े हुए। जंगलों पहाड़ों में बच्चियों 1 किलोमीटर दूर जाकर पानी लाती है, आने-जाने में हमेशा डर सा बना रहता है। गांव के लोगों ने बताया कि गर्मी के मौसम में काफी समस्या बढ़ जाती है घर के बगल से गुजरने वाला नदी भी सूख जाता है। जिसके कारण काफीपरेशानी होती है। नहाने के लिए चुआंड़ी का पानी उपयोग कर लेते हैं, लेकिन पीने के लिए भटकना पड़ता है। लोगों ने कहा की समस्या को लेकर पंचायत क्षेत्र की मुखिया व अन्य लोगों से भी शिकायत की गई। लेकिन किसी ने आगे बढ़कर सहयोग नहीं करना चाहा। पंचायत व गांव में जल मीनार भी लगाए गए हैं जो मुंह देखकर दरवाजे पर लगाए गए। जल मीनार लगाने में भी पैसे वसूले गए हैं। हम गरीब परिवार पैसे नहीं दे सके जिसके कारण सुविधा नहीं मिल सका और आज हम सभी भटक रहे हैं।

बाक्स : जल संकट से जूझ रहे लोग
विश्रामपुर प्रखंड के बघमनवां पंचायत का गौरा गांव जहां पेय जल की समस्या है। लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। यहां कोई चापाकल या और कोई साधन नहीं। लोग बर्षों से एक किलोमीटर दूर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं। जल जीवन मिशन के तहत हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाना है, बावजूद पाईप लाईन बिछाने का कोई काम नहीं किया गया। इसमें पंचायत के जिम्मेवार लोगों के द्वारा भेदभाव की नीति अपनाई गई। ग्रामीणों का कहना है कि पानी की टंकी बनाने और पाइप लाइन बिछाने के काम में करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए, बावजूद जल संकट से छुटकारा नहीं मिल रहा है।

.

Leave a Reply