रांची (झारखंड)
आर्म्स एक्ट 1959 के तहत किसी व्यक्ति को जारी किये गये तीसरे हथियार को अवैध घोषित कर दिया गया है. अवैध घोषित किये गये तीसरे लाइसेंसी हथियार को नजदीक के थानों या आर्म्स विक्रेता के पास जमा करना होगा.
वर्ष 2019 में संशोधित आर्म्स एक्ट को अमली जाना पहनाने के लिए राज्य सरकार ने अपनी पहल तेज कर दी है. इसके तहत राज्य के उपायुक्तों की ओर से सभी लाइसेंसी हथियार धारकों को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर(यूआएन) नंबर लेने का निर्देश जारी किया गया है.
आर्म्स एक्ट 1959 में निहित प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति को तीन हथियार रखने के लिए लाइसेंस जारी करने का प्रावधान था. वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए सिर्फ एक व्यक्ति को दो हथियारों के लिए लाइसेंस जारी करने का प्रावधान तय किया.
साथ ही आर्म्स एक्ट 1959 के तहत 2016 के पहले तक जारी किये गये तीसरे हथियार के लाइसेंस को अवैध घोषित कर दिया.
सरकार ने देश में आम नागरिकों के पास उपलब्ध लाइसेंसी हथियारों का एक डाटा बेस तैयार करने का फैसला किया. इसके लिए NDAL-ALIS( National Database Licenses-Arms License System) पोर्टल तैयार किया गया है.
केंद्र सरकार के निर्देश के आलोक में राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों ने अपन-अपने जिले में लाइसेंसी हथियार धारकों को इस पोर्टल के सहारे यूआइएन जेनेरेट करने का निर्देश दिया है.
संशोधित आर्म्स एक्ट 2019 में किये गये प्रावधान के तहत 2016 से पूर्व जारी तीसरे लाइसेंसी हथियार को थाना या आर्म्स की दुकान में जमा करने के लिए एक साल का समय दिया गया था.
तीसरा लाइसेंसी हथियार जमा करने का समय समाप्त होने के 90 दिनों के अंदर तीसरे लाइसेंस को रद्द कर दिया जाना था.
आर्म्स एक्ट 2019 में किये गये संशोधन के बाद केंद्र सरकार ने तीन जनवरी 2020 को गजट किया.
इसके तहत लाइसेंस का यूआइएन लेने के लिए 30 जून 2020 तक का समय दिया गया था. इस अवधि के बाद बिना यूआइएन के लाइसेंस को वैध नहीं माना जायेगा.
आर्म्स एक्ट में किये गये संशोधन के आलोक में अब तक लाइसेंस का यूआइएन नंबर नहीं लेने वालों को मौका दिया गया है. ऐसे लाइसेंसधारकों को ALIS सहारे यूआइएन लेने का निर्देश दिया गया.