पति-पत्नी के बीच तीन साल का विवाद राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलझा

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मेदिनीनगर (पलामू)

कुटुंब न्यायालय प्रधान न्यायाधीश के न्यायालय में तीन वर्ष से चल रहे पति-पत्नी के बीच का विवाद राष्ट्रीय लोक अदालत में कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश संजीव कुमार दास के पहल से सुलझा दिया गया है।बिदित हो कि पत्नी के द्वारा अपने पति के विरुद्ध भरण पोषण का एक मुकदमा 31 अगस्त 2023 को कुटुंब न्यायालय पलामू में दायर किया गया था ।उक्त भरण पोषण के मुकदमा में आवेदिका ने अपने पति से 20 हजार रुपए प्रति महीना भरण पोषण के लिए पति से दिलाने का अनुरोध की थी ।अदालत में उक्त मुकदमा की कार्रवाई चल रही थी। न्यायालय के पहल पर दोनों पति-पत्नी साथ रहने पर सहमत हो गए।तथा आपस मे सुलह कर लिए। सुलह के आधार पर मुकदमा समाप्त हो गया। विदित हो कि आवेदिका असमीना बीवी उर्फ असमीना खातून की शादी 19 जून 2020 को मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार गुलाम रसूल के साथ हुई थी। 11 जुलाई 2023 को उसने एक बच्ची जन्म दी थी। जिसके बाद से ही पति-पत्नी के बीच संबंध अच्छे नही रह रहा था।पत्नी ने पति से भरण पोषण नहीं देने को लेकर अपने पति गुलाम रसूल के विरुद्ध कुटुंब न्यायालय पलामू के न्यायालय में भरण पोषण का एक मुकदमा मूल भरण पोषण वाद संख्या 121/ 2023 दाखिल किया था ।तथा20 हजार रुपए प्रति महीना भरण पोषण की राशि दिलाने का निवेदन की थी। अदालत ने दोनों पक्ष में बात की और दोनों पक्ष साथ रहने पर सहमत हो गए। और दोनों पक्ष ने आपसी सहमति से युक्त मुकदमा में सुलह कर लिया आज न्यायालय से प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव व कुटम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश संजीव कुमार दास के उपस्थित मे दोनों पक्ष राजी खुशी विदा हुए।व तीन साल पुराना विवाद निपट गया।

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