नावाबाजार (पलामू )
इन दिनों अंधविश्वास या कहलें डायन प्रथा सामाजिक कुरूतियों के साथ-साथ कमाई का अच्छा साधन बन गया है। तंत्र-मंत्र का ठेकेदार कहे जाने वाले ओझा गुनी गांव के किसी कमजोर महिला को डायन घोषित करने व भूत भगाने जैसे अंधविश्वास के रास्ते लाखों-हजारों रुपये भोले भाले व मासूम लोगों से ऐंठ रहे हैं। अंधविश्वास के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र में यह एक कमाई का बड़ा साधन बन गया है। जिसका तोड़ अब तक प्रशासन की पास भी नहीं है।
इंसान भले ही चांद तक पहुंच गया हो, वैज्ञानिकों की दिलचस्पी आज भी चंद्रमा में कम नहीं हुई है। यही नहीं अंतरिक्ष की खोज में अब चंद्रमा इतना खास होने जा रहा है कि वैज्ञानिक अब वहांं बेस बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इतना हीं नहीं देश जहां आधुनिकता व विकास के नए नए आयाम गढ़ रहे हैं। वहीं पलामू का नावाबाजार विश्रामपुर प्रखंड का ग्रामीण क्षेत्र आज भी अंधविश्वास, जादू टोना, भूत प्रेत व डायन बिसाही जैसी कुप्रथा के मकड़जाल से नहीं निकल पाया है। वर्तमान परिदृश्य में ये सारी प्रथाएं यहां की सामाजिक संरचना का हिस्सा बन गई है। जिसके इर्द-गिर्द अंधविश्वास कमाई का एक साधन बनता जा रहा है। यही कारण है कि पिछले एक दशक में झारखंड में डायन बताकर 500 से अधिक लोगों की हत्या के बाद भी झारखंड के पलामू समेत कई इलाकों में ओझा-गुणी, देवास या डलिया लगाकर किसी महिला को डायन घोषित कर दिया जाता है, वहीं कानून मूकदर्शक बनी रह जाती है
बाक्स : ग्रामीण क्षेत्र में है देवास या डलिया कुप्रथा का चलन
ग्रामीण क्षेत्रों में देवास या डलिया प्रथा का चलन है, जिसका आयोजन ओझा गुनी के द्वारा किया जाता रहा है। प्रखंड के लगभग आधा-दर्जन ग्रामीण क्षेत्र में इसका आयोजन किया जाता है। इस धार्मिक आयोजन में हीं किसी महिला को डायन बताया बताया जाता है। इस तरह के आयोजन के माध्यम किसी भी महिलाओं को डायन बताते हुए उसका शोषण किया जाता है। यह समाज के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। कई मौके पर कमजोर या अकेली महिला को अंधविश्वास के माध्यम से निशाना बनाया जाता है। कई बार संपत्ति को हड़पने के लिए भी लोग इस तरह का कदम उठाते हैं व डायन बताकर प्रताड़ित करते हैं।
बाक्स : अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की है जरूरत : ओपी प्रभारी
अंधविश्वास को दूर करने के लिए थाना क्षेत्र में कई स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं। आगे भी जागरूकता को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यक्रम चलाए जाएंगे। उक्त बातें नौगढ़ा ओपी प्रभारी अनिल यादव ने कहा। प्रभारी श्री यादव ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में ओझागुणी, भगत, ओझामति आदि करने वाले लोगों के साथ बैठक कर अंधविश्वास विषय पर चर्चा की जाएगी। साथ हीं उनसे अपील किया जाएगा कि अंधविश्वास फैलाकर भ्रम न फैलाएं और न किसी के जान पर खेलें। जागरूकता कार्यक्रम में भागीदारी को लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, समाजसेवी, शिक्षाविद आदि को आमंत्रित किया जाएगा। साथ हीं ऐसे लोगों को चेतावनी दी जाएगी कि वे अंधविश्वास को बेवजह न फैलाएं।
बाक्स : यह समाज के लिए बेहद गंभीर मामला है। इसे लेकर सघन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस कार्य में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों सहित प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का सहयोग लिया जाएगा। अंधविश्वास को जड़ से समाप्त करने की दिशा में पहल की जरूरत है।