रेलकर्मियों की पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करना हमारी प्राथमिकता: बीएम पांडेय

चार से छह दिसंबर तक होगा रेलवे यूनियन का मतदान*

मेदिनीनगर (पलामू)

संपूर्ण भारत के सभी 17 रेलवे जोन में चार दिसंबर से यूनियनों की मान्यता के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो रही है, जो छह दिसंबर तक चलेगी। हाजीपुर जोन के अंतर्गत आने वाली छह यूनियनों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है। सभी यूनियन अपने पक्ष में मतदाताओं से समर्थन मांग रही हैं।

इसी क्रम में, ईसीआरएमसी (ईस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर कांग्रेस) के संयुक्त महासचिव सह टीटीई इंस्पेक्टर बीएम पांडेय ने कहा कि उनकी यूनियन की प्राथमिकता रेलकर्मियों की पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बहाल कराना है। उन्होंने कहा, “पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने से रेलकर्मियों में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।”

17 वर्षों से सत्ताधारी यूनियन पर आक्रोश

श्री पांडेय ने बताया कि 17 वर्षों से सत्ता में रहने वाली यूनियन के प्रति रेलकर्मियों का मोहभंग हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस यूनियन ने रेलकर्मियों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे कर्मियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार रेलकर्मियों ने बदलाव का मन बना लिया है, जिससे चुनाव दिलचस्प हो गया है।

निजीकरण के खिलाफ संघर्ष का संकल्प

श्री पांडेय ने यह भी कहा कि उनकी यूनियन रेलवे के निजीकरण को रोकने के लिए हरसंभव संघर्ष करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया, “हमारा संगठन रेलकर्मियों के हितों के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।”

चुनाव प्रक्रिया और अपील
उन्होंने बताया कि यूनियन की मान्यता के लिए कुल मतों का कम से कम 35% उनके पक्ष में आना आवश्यक है। वहीं, भारत के 17 जोनों में से किसी भी यूनियन को 50% से अधिक मत मिलने पर वह पीएनएम (परमानेंट नेगोशिएशन मैकेनिज्म) की बैठकों में भाग लेने का अधिकारी बन जाती है।

श्री पांडेय ने सभी रेलकर्मियों से ईसीआरएमसी के पक्ष में मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि रेलकर्मियों के हक और अधिकारों की लड़ाई प्रमुखता से लड़ी जाए।

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