बच्चे देश के भविष्य हैं,शैलेंद्र नाथ चतुर्वेदी

मेदिनीनगर (पलामू)

नालसा नई दिल्ली व झालसा रांची के निर्देशानुसार पी डी जे सह अध्यक्ष डालसा नीरज कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में नालसा स्कीम चाइल्ड फ्रेंडली लीगल सर्विसेज फॉर चिल्ड्रन स्कीम 2024 के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन जे जे बोर्ड के सदस्य शैलेंद्र नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं।हमसभी को बच्चों के हित मे कार्य करना चाहिए।इससे स्वस्थ समाज का निर्माण होगा।उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समिति, बाल संरक्षण निकाय, जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड तालमेल से गठित टीम को बेहतर सेवा प्रदान करेंगे । उन्होंने कहा कि पोक्सो एक्ट,व बच्चों से जुड़े कानून की जानकारी आप लोग जरूर रखे। उन्होंने बाल विवाह,फ़ॉस्टर केयर,विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के बारे में भी विस्तार से चर्चा की । उन्होंने कहा कि न्यायालय में चाइल्ड फ्रेंडली माहौल बना है।साथ ही पुलिस को भी चाइल्ड फ्रेंडली होकर कार्य करना है।उन्होंने कहा कि गुमसुदा बच्चे शोषित बच्चे ,ट्रैफिकिंग बच्चे, नशा पान में संलिप्त बच्चे ,बाल विवाह, बालश्रम,के बारे में बिस्तार से चर्चा की।उन्होंने कहा कि बच्चों की क्षमता को समझने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि स्पॉन्सरशिप योजना के तहत चार हजार रुपये प्रदान किया जाता है।यह राशि वैसे बच्चों को दिया जाता है जिनके माता पिता की मृत्यु हो गई हो ,माँ तलाक शुदा या परिवार से परित्यक्त हो,ऐसे बच्चे जिनके माता पिता या उनमे से कोई एक गम्भीर जानलेवा रोग से ग्रसित हो,ऐसे बच्चे जो बेघर है निराश्रित है, या विस्थापित परिवार के साथ रह रहे है।प्राकृतिक आपदा से ग्रसित बच्चे, जिनके माता पिता कारागार में निरुद्ध है, फुटपाथ पर जीवन यापन करने वाले प्रताड़ित, या शोषित बच्चों को मदद करे व इसके लिए स्पॉन्सरशिप की राशि दिलाये।उन्होंने कहा कि इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 72 हजार व शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले बार्षिक आय 96 हजार से अधिक नही होना चाहिए पात्र हो सकता हैं।उन्होंने कहा कि बच्चों के हित में कई कानून बना हैं।उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा पर ध्यान देने की बात कही।उन्होंने बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए यह कमिटि बनाया गया हैं। प्रकाश कुमार डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर ने बच्चे के दत्तक ग्रहण की कानूनी प्रक्रिया के बारे में बिस्तार से जानकारी दी।साथ ही कहा कि बच्चों को रखने के लिए तीन गृह है सम्प्रेषण गृह,बाल गृह व बालिका गृह है।सम्प्रेषण गृह में पलामू के अलावे गढ़वा व लातेहार जिले के बच्चों को भी रखा जाता है।उन्होंने कहा कि पांच बर्ष से 18 बर्ष तक के बच्चों को इन गृह में रखा जाता है।उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण के लिए जीरो से दो वर्ष तक के बच्चे को गोद लेने में तीन से चार बर्ष तक का समय लग जाता हैं।दत्तक ग्रहण करने में 56 हजार रुपए तक का खर्च आता हैं ।बच्चे को गोद लेने के लिए डब्लू डब्लू डब्लू डॉट कारा डॉट को डॉट इन पर अप्लाई कर सकते हैं। यूनिसेफ से डॉ तबरेज आलम लोगो से केस स्टडी व डिस्करर्सन किया ।विदित हो कि मैत्रीपूर्ण विधिक सेवा योजना 2024 के अंतर्गत बच्चों के लिए कानूनी सेवा यूनिट का गठन किया गया है। जिसमें डालसा के सचिव अर्पित श्रीवास्तव के देखरेख में यह कमिटि कार्य करेगा।जिसमे स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ ,संतोष कुमार पाण्डेय,पैनल अधिवक्ता, वीणा मिश्रा, हुसैन वारिस,ज्ञान रंजन, संजीव कुमार सिंह, मुक्ति नाथ तिवारी,सुधा कुमारी, विक्रम सहाय, संजय कुमार सिन्हा, व पीएलभी में सुचिता एक्का,माया कुमारी, रंजना कुमारी, करण कुमार थापा, कुसुमलता देवी,शैल शिखा, प्रेमलता कुमारी, सूचित कुमार, देवराज शर्मा, आदि को रखा गया है।

Leave a Reply