बिश्रामपुर (पलामू)
नशापान से परिवार बर्बाद होता है। साथ ही समाज में व्यापक दुष्प्रभाव पड़ता है। उक्त बातें मुख्य अतिथि शिक्षाविद रघुवीर नारायण पांडेय ने कही। वे रविवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत मादक पदार्थ दुरुपयोग के पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं व नशीली दवाओं के खतरे के उन्मूलन योजना 2015 के तहत विश्रामपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचमुखी मंदिर के बाजार प्रांगण में डीएलएसए पलामू के तत्वाधान में आयोजित माइक्रो लेवल कैंपेनिंग में बोल रहे थे। बाजार परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल महिलाओं व पुरुषों को संबोधित करते हुए रघुवीर नारायण पांडेय ने कहा कि नशापान एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है । नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू व बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम धूम्रपान सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं व पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है । इन जहरीले व नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि पहुंच रही है। साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है। इससे स्वयं व परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने युवाओं को नशापान से बचने की सलाह दी। मौके पर विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद राजन पांडेय ने कहा कि नशे के आदी व्यक्ति को समाज में हेय की दृष्टि से देखा जाता है । नशा करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरुप हो जाता है। उसकी समाज व राष्ट्र के लिया उपादेयता शून्य हो जाती है । वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है। शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। कहा कि नशा अब एक अन्तराष्ट्रीय विकराल समस्या बन गयी है । दुर्व्यसन से आज स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग व विशेषकर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है । इस अभिशाप से समय रहते मुक्ति पा लेने में ही मानव समाज की भलाई है। समाजसेवी रामनिवास तिवारी ने कहा कि नशापान के चंगुल में फंसने वाला स्वयं तो बर्बाद होता ही है। इसके साथ ही साथ उसका परिवार भी बर्बाद हो जाता है । आज कल अक्सर ये देखा जा रहा है कि युवा वर्ग इसकी चपेट में दिनों-दिन आ रहा है। वे तरह-तरह के तम्बाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट व शराब के नशे के चंगुल में फंसते जा रहे है। युवाओं को इससे बचने की सलाह दी।
समाजसेवी योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि नशापन करने से मांसपेशियों में खिंचाव होता है। पूरे शरीर में दर्द रहने लगता है। नशे के आदी व्यक्ति का जीवन दूसरे से रुपए मांगने व नशा खरीदने के चक्कर में रहता है। इससे एकाग्रता नष्ट होती है। सांस लेने में तकलीफ होती है। इससे एक दिन मौत हो जाती है। युवा नशे की पूर्ति के लिए कोई भी आपराधिक वारदात करने में नहीं हिचकते। उन्होंने उपस्थित लोगों को नशा से बचने की सलाह दी।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए पीएलभी शैलेंद्र तिवारी ने कहा कि नशा का उन्मूलन होना जरूरी है। इससे घरेलू अपराध बढ़ता है। इसका व्यापक प्रभाव घर की महिलाओं पर पड़ता है। नशेड़ियों द्वारा महिलाएं प्रताड़ित होती है। कहा कि स्वयं नशा नहीं करने व दूसरों को भी नशा नहीं करने को प्रेरित किया जाना चाहिए। नशा के दुष्प्रभाव से कई प्रकार के गंभीर रोग होते हैं। अंत में नशा करने वाले की मौत हो जाती है। नशा एक अभिशाप है। यह एक ऐसी बुराई है जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय के पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। मौके पर उन्होंने लोगों को डीएलएसए द्वारा दी जाने वाले लीगल एड के बारे में विस्तार से बताया। मौके पर प्रमिला देवी, मीना देवी, रोहित कुमार तिवारी, राजेश पांडे, अमरेश तिवारी, फुल मनी कुंवर समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।