सनातन धर्म से हमे दूसरे के दुःख हरण करने की प्रेरणा मिलती हैं , नामधारी

मेदिनीनगर (पलामू)

सनातन धर्म से हमे दूसरे के दुःख को हरण करने की प्रेरणा मिलती हैं। साथ ही राम चरित्र मानस से हमे जीवन के कई मूल्यों और आदर्शों की शिक्षा मिलती हैं।उक्त बातें झारखंड विधानसभा के प्रथम स्पीकर इन्दर सिंह नामधारी ने कही।वे सोमवार को सदर प्रखंड के पोलपोल शिवबेल में दुर्गा पूजा महोत्सव के 12 वे अधिवेशन के पांचवे दिन मानस कथा के उदघाटन के मौके पर बोल रहे थे।इस मौके पर कमिटी के लोगो ने नामधारी को अंग बस्त्र ओढ़ाकर सम्मनित किया। श्री नामधारी ने कहा कि हमे कठिन परिस्थितियों से न घबराना चाहिए।राम चरित्र मानस से हमे धौर्य, सहनशीलता, वीरता, सामंजस्य, मधुरता, शौर्य, ज्ञानी, पराक्रमी,व सुगमता जैसे गुण सीखने को मिलता हैं।उन्होंने कहा कि सनातन धर्म मे हमे दुसरे के दुःख को हरण करने की प्रेरणा मिलता है। सनातन धर्म सबसे पुराना धर्म है ।सनातन धर्म मे परहित के बारे में बताया गया है।उन्होंने कहा कि दूसरे के हित के लिए जो काम करते हैं उनके लिए दुनिया मे कुछ भी असंभव नही है।उन्होंने कहा कि अगर हम जीवन मे रामचरित मानस को उतार लें तो जीवन धन्य हो जाएगा।उन्होंने कहा की इमरजेंसी के दौरान हमे 1975 में 17 माह जेल में रहना पड़ा था।वहां मुझे तुलसी कृत रामचरित मानस पढ़ने का अवसर मिला।दो दो घण्टे तक मनन करते थे ।उन्होंने कहा कि राम चरित मानस की कुछ पंक्तियां जीवन मे उतार लें तो जीवन धन्य हो जाएगा।उन्होंने कहा कि सीता का अपहरण हुआ था राम लक्ष्मण उनको खोज रहे थे। जटायु को खून से लथपथ हालत देख पूछे यह कैसे हुआ तो जटायु ने बताया कि रावण ने सीता का अपहरण कर लिया हैं। रावण को रोकने के लिए युद्ध किया हू।इस युद्ध मे रावण ने मेरे पंख काट डाले । जटायु के प्राण छूटने पर राम ने जटायु का अंतिम संस्कार किया।उन्होंने कहा कि हमे भी परहित के लिए कार्य करना चाहिए।इस मौके पर अवकाश प्राप्त शिक्षक चक्रवर्ती तिवारी,शिक्षक भरदुल कुमार सिंह, अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय,सरजा के पूर्ब मुखिया आनंद कुमार, बिपिन सिंह, कृष्णा सिंह, महेंद्र नाथ सिंह, ध्रुव पाल, पिन्टू सिंह, दीनानाथ प्रजापति, सुभाष कुमार, समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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