घासीदास पंचायत के राजखांड़ व जमारी गांव के कई घरों में घुसा नदी नाला का पानी

आवागमन के सभी रास्ते हुए बंद, नदी पर पुल बनाने की वर्षों से हो रही मांग विश्रामपुर (पलामू) विश्रामपुर प्रखंड का घासीदाग पंचायत जहां के लोग बरसात के दिनों अपने गांवों में कैद हो जाते हैं। पंचायत क्षेत्र में आवागमन की समुचित व्यवस्था नहीं है। पंचायत क्षेत्र का गांव चारों ओर से पहाड़ व नदियों से घिरा हुआ है। बरसात के दिनों ये पहाड़ी नदियां उफान पर होती है लोग इसे पार नहीं कर पाते। नतीजतन गांव में हीं क़ैद होकर रह जाते हैं। पंचायत के राजखांड़ और जमारी के लोगों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। गांव के लोग बीमार पड़ जाएं या कोई अनहोनी हो तो गांव से बाहर निकल इलाज कराना या जरुरतों को पूरी करना परेशानी का कारण बन जाता है।
घासीदाग पंचायत जंगल की तलहटी में बसा हुआ है। घासीदाग पंचायत में घासीदाग सहित राजखाड़, जमारी, कौड़िया, झांटिनाथ सहित पांच गांव है। पंचायत की आबादी लगभग 48 सौ है। पंचायत क्षेत्र का सभी गांव आदिवासी व दलित बाहुल्य है, पंचायत क्षेत्र के कोई भी गांव पक्की सड़क से नहीं जुड़ा है। कच्ची व कीचड़ से सनी सड़क व बरसात में पगडंडी हीं एक मात्र सहारा है। यहां एक ओर बड़ा जिवंत नाला है जिसमे सालों भर पानी बहते रहता है जिस पर बांध बनवाने की मांग स्थानीय लोगों के द्वारा की जा रही है।

सामाजिक कार्यकर्ता बलराम रजक ने बताया कि पंचायत के सभी गांव के लोगों को बरसात के दिनों में काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है। गांव के छोटे-छोटे बच्चों को भी नदी पार करके विद्यालय तक पहुंचने में काफी परेशानी होती है। वर्षों से पुलिया निर्माण कराने की मांग की जा रही है लेकिन इसके प्रति किसी की ओर से संजीदगी नहीं दिखाई जा रही। राजखांड़ और जमारी गांव का आवागमन बरसात के दिनों पूरी तरह बंद हो जाता है। नदी पर पुल नहीं होने से लोगों को सदैव परेशानी होती है। पंचायत क्षेत्र के सभी गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है। सड़क नहीं रहने के कारण पंचायत क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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