किसानों का धनरोपनी कार्य भी हुआ प्रभावित, बांध काटने के आरोपी पर कार्रवाई के लिए किसान पलामू उपायुक्त सहित सदर एसडीओ व अंचल कार्यालय किया आवेदन
विश्रामपुर (पलामू)
जल संचयन को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। गांव में आहार पोखर तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। इतना हीं नहीं जल संचयन व बरसाती पानी रोकने को लेकर कई तरकीब अपनाए जा रहे हैं। वहीं नावाबाजार के ब्रहमोरिया गांव निवासी श्याम नारायण पांडेय के द्वारा गांव के लगभग 100 वर्ष से अधिक पुराना चकला आहर का बांध को जेसीबी से काट कर समतल कर दिया गया। जिसके कारण बरसाती पानी आहर में नहीं ठहर पा रहा है। आहार के नीचे पानी नहीं मिलने के कारण खेत परती रह गए धन रोपनी का कार्य नहीं हो सका। सिंचाई की कोई अन्य व्यवस्था नहीं होने के कारण खेत खाली पड़े हैं। आहर में पानी भर जाने से जल संचयन के साथ साथ सिंचाई का कार्य धनरोपनी आदि होता था। लेकिन अब यह कुछ भी नहीं हो पाएगा। इस बावत पीड़ित किसान सच्चिता नंद पांडेय, हिरा नंद पांडेय, रघुवीर पांडेय, शिव पांडेय गोविंद पांडेय, योगेंद्र पांडेय आदि के संयुक्त रूप से पलामू उपायुक्त सहित मेदिनीनगर सदर एसडीओ, अंचलाधिकारी नाबाजार से लिखित शिकायत की गई है। ताकि आहर बांध काटकर जलसंचय व सिंचाई कार्य को प्रभावित करने वाले जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई हो। लेकिन अभी तक किसी के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। बरसात का पानी बांध काटे जाने के कारण जमा न होकर बह गए। किसान सच्चिता नंद पांडेय व अन्य लोगों बताया कि बांध की लंबाई लगभग 300 फिट होती है। जिसका अधिकसंख्य जमीन आहार व आहार के नीचे का जमीन इन्हीं किसानों का है। श्याम नारायण पांडेय का आहार के मध्य केवल चार डिसमिल भूखंड था, जो सड़क फोरलेन निर्माण कार्य में अधिग्रहण कर लिया गया है। बावजूद दबंगई दिखाते हुए जेसीबी मशीन लगाकर लगभग 40 फीट बांध को काट दिया गया। जिसके कारण आहार में पानी का ठहराव नहीं हो पा रहा। किसानों ने बताया कि चकला आहर मरम्मती कार्य में फूड फॉर वर्क और विधायक कोटे की राशि भी खर्च की गई हैं। सर्वे ऑफिस में चकला आहर का कागजात भी उपलब्ध हैं। किसानों ने कहा कि अगर प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए बांध का निर्माण नहीं करवाया गया तो न्यायालय का दरवाजा खटखटा आएंगे। बांध सिंचाई का महत्वपूर्ण साधन है जिसे प्रभावित कर दिया गया है।

