मेदिनीनगर (पलामू)
झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में केंद्रीय कारा मेदिनीनगर में आजीवन कारावास सजा काट रहे एक बंदी मनोगा गंझू को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिहा किया गया। बिदित हो कि मनोगा गंझू पुलिस जवान को बम से उडाने के आरोप में 22 साल से सेंट्रल जेल में बंद था। माओवादी मनोगा गंझू को अच्छे आचरण के लिए गुरुवार को रिहा किया गया । विदित हो कि उसे बर्ष 2008 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। वह चतरा का रहने वाला है। वर्ष 2002 से सेंट्रल जेल मेदिनीनगर में बंद था। उसपर 1998 में पांकी के इलाके में पुलिस जीप को उड़ाने और एक पुलिस की हत्या का आरोप था। उसे बेहतर आचरण होने के कारण जेल से रिहा किया गया है। रिहाई किये गए कैदी को जेलर प्रमोद कुमार ने बधाई दी ।और मिठाई खिलाया।साथ ही राष्ट्र पिता महात्मा गांधी का चित्र व माला पहनाकर उनको जेल से बिदा किया ।जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि कभी किसी क्षणिक आवेश में आकर हुई घटनाओं से हमारे जीवन का इतना लंबा समय जेल में निकल जाता है।इससे हमें सीख लेनी हैं और कभी ऐसा काम नही करना है कि यहा आना पड़े। इस संबंध में अपनी रिहाई पर खुशी व्यक्त करते हुए मनोगा गंझू ने कहा कि बहुत खुशी हो रहा है कारापाल और काराधीक्षक मेरा अच्छा आचरण देखते हुए हमे सहयोग और साथ दिए इन्हीं लोगों के प्रयास से आज आजाद हुए ।वह घर परिवार के बीच जा रहे हैं।तथा अब लम्बे अंतराल के बाद परिवार के लोगो से मिलूंगा।