प्रखंड का केतात कला पंचायत में जहां जल नल योजना पूरी तरह फेल, पेयजल के लिए तरस रहे लोग

कागजों पर 90 प्रतिशत घरों में पहुंचा दी गई है पाईप लाईन से पानी, लेकिन धरातल पर 10 प्रतिशत घरों में भी नहीं पहुंचा है पानी

विश्रामपुर (पलामू)

प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा हर घर पानी पहुंचाने को लेकर शुरू की गई अति महत्वाकांक्षी जल नल योजना को सरकारी तंत्र के द्वारा हीं फेल किया है। साथ हीं सरकारी स्तर सही आंकड़ा प्रविष्ट न कर कमियां छुपाई जा रही है। इसकी बानगी विश्रामपुर प्रखंड का केतात कला पंचायत है।‌जहां जल नल योजना से पंचायत के दस प्रतिशत घरों में भी पानी नहीं पहुंचा है, वहां सरकार को भेजे गए आंकड़ों में 90 प्रतिशत घरों में पानी पहुंचाने का दावा किया गया है।‌ धरातल पर बमुश्किल 20 घरों में भी पानी नहीं पहुंचा होगा। जबकि जल शक्ति के पोर्टल पर 447 घरों को जल नल योजना से लाभान्वित दिखाया जा रहा है। केतात कला पंचायत में जल नल योजना पूरी तरह फेल हो चुका है। धरातल पर इस योजना का कोई लाभ लोगों को नहीं मिल रहा। करोड़ों खर्च के बावजूद भी लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। इसका मुख्य कारण ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों का मिलीभगत है। इन दोनो के गठजोड़ ने जल नल योजना को लूट योजना में परिवर्तित कर दिया है। पंचायत समिति सदस्य रीना चौबे व सामाजिक कार्यकर्ता नवीन चौबे ने इस संबंध में पीएमओ को पत्र लिख कर जांचोपरांत कार्रवाई की मांग की है।

जलमिनर अधिष्ठापन में घोर अनियमितता

केतात कला पंचायत में जल मीनार अधिस्थापन में भी घोर अनियमितता बरती गई है। पंचायत के वार्ड नंबर 2 में त्रिपुरारी चौबे के घर के पास कंक्रीट का जलमिनार बनाया गया है। जिसकी लागत लगभग बीस लाख रुपए बताया जा रहा है। कंक्रीट से बने टंकी को ऊपर से ढका भी नही गया है। वार्ड नंबर नौ मे एजाजुल अहमद के घर के पास कामता गांव में लगभग 4 माह पहले जलमीनार अधिष्ठापित किया गया है। जिसमे फटा हुआ टंकी लगाया गया है। ग्रामीणों के शिकायत के बावजूद भी उसे बदला नहीं गया। फलस्वरूप यह दोनो जलमीन सिर्फ अस्तित्व का बोध मात्र करा रहा है। नवीन चौबे ने बताया कि अगर ईमानदारी से इस योजना की जांच हो तो लाखों रुपए के गबन का मामला प्रकाश में आयेगा।

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