फोरेंसिक लैब में जांच को भेजा गया युवक का नरकंकाल

कपड़ा,चप्पल व हाथ में बंधे धागा से परिजनों ने किया पहचान, हत्या के कारणों की जांच कर रही पुलिस

विश्रामपुर (पलामू) :

    विश्रामपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह ओपी स्थित महुआखाला – पचघारा के जंगल से मिले नरकंकाल को जांच को ले रांची फोरेंसिक लैब भेजा गया। जहां युवक की पहचान सहित हत्या के कारणों की जांच हो सकेगा। विश्रामपुर पुलिस के द्वारा नरकंकाल को पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भेजा गया था। नरकंकाल का पोस्टमार्टम या फोरेंसिक जांच की सुविधा यहां उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में रांची भेजा गया। इधर पीड़ित परिजन फोरेंसिक जांच को लंबी प्रक्रिया बताते हुए जंगल से मिले नरकंकाल के अवशेष हिस्से को संग्रह कर श्मशान घाट दाह-संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई।
    घटना से आक्रोशित परिवार के सदस्य सहित आसपास के लोग दुसरे विश्रामपुर थाना के मुख्य गेट पर पहुंचे। विश्रामपुर थाना प्रभारी व नावाडीह ओपी प्रभारी के उदासीन रवैया युवक के हत्या का कारण बताते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी किया गया। साथ हीं नामजद आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। थाना गेट पर पहुंचे लोगों को समझाते हुए थाना प्रभारी सौरव चौबे ने कहा कि पुलिस नामजद प्राथमिक अभियुक्त की गिरफ्तारी को ले लगातार प्रयास कर रही है। उनके हर संभावित ठिकानों से ढुंढ कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कोई बच नहीं पाएंगे।

    विदित हो कि विश्रामपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह ओपी स्थित महुआखाला – पचघारा के जंगल से सोमवार को एक नरकंकाल बरामद किया गया था। जिसकी पहचान छिपादोहर गांव निवासी चंद्रशेखर मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा के 25 वर्षीय पुत्र राकेश मिश्रा उर्फ मोनू मिश्रा के रूप में किया गया। पुलिस घटनास्थल पर पहुंच हत्या के पूरे मामले की अनुसंधान शुरू कर दिया है।
    परिजनों के अनुसार मोनू पिछले 17 दिनों से लापता था। परिजनो के द्वारा थाना में गुमशुदगी को लेकर मामला दर्ज कराया था। मोनू पिछले दस मई से लापता था। साथ हीं किसी अनहोनी को ले आशंका व्यक्त करते हुए कुछ नाम भी पुलिस को बताए गए थे। लेकिन विश्रामपुर पुलिस सहित नावाडीह ओपी प्रभारी की ओर से उदासीनता बरती गई। नरकंकाल बरामदगी के बाद ग्रामीणों में पुलिस के प्रति आक्रोश भी व्याप्त है। मोनू मिश्रा पिछले दस मई की शाम को घर से निकाला था। जिसके बाद वह वापस नहीं आया। परिजन हर संभावित जगह तलाश करने के बाद मोनू के पिता डब्लू मिश्रा ने थाना में चार युवकों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। नामजद सभी आरोपी युवक भी विश्रामपुर थाना क्षेत्र के ही निवासी हैं। परिजनो का आरोप है कि पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई ही नहीं की। समय रहते पुलिस के द्वारा संजीदगी दिखाई जाती तो मोनू को बचाया जा सकता था। लेकिन विश्रामपुर पुलिस के द्वारा ऐसा न कर आराम फरमाते रहे। पुलिस की अकर्मण्यता से ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

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