पड़वा (पलामू)
भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी बाबू कुंवर सिंह के जयंती अवसर पर बुधवार को पाटन मोड़ स्थित प्रतिमा पर पूर्व मंत्री सुधा चौधरी, समाजसेवी महाराणा प्रताप सिंह सहित दर्जनों लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हे याद किया. इस मौके पर श्रीमती सुधा चौधरी ने कहा की बाबू वीर कुंवर सिंह 1857 में छिड़े स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे. 80 वर्ष के उम्र में भी वे अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे. वे अन्याय विरोधी और स्वतंत्रता प्रेमी थे. वे दलित, गरीब, मजदूर, किसान सभी धर्म और जाति के लिए थे. कहा की ब्रिटिश इतिहासकार होम्स ने लिखा है की उस बोले राजपूत ने ब्रिटिश सता के विरुद्ध अद्भुत वीरता के साथ लड़ाई लड़ी. अगर वे जवान होते तो 1857 में ही अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ता. ऐसे महापुरुषों के जीवनी से आज के युवाओं प्रेरणा लेनी चाहिए. समाजसेवी महाराणा प्रताप सिंह ने कहा की बाबू कुंवर सिंह की जयंती मनाना तभी सार्थक होगा जब हम उनके जीवनी को पढ़ें और उनके आदर्शों पर चलें. आज युवा को चिंतन करना होगा की कौन सी ऐसी शक्ति उनमें था जो 80 वर्ष के उम्र में भी अंग्रेजों को पराजित किया. इस मौके पर चिंटू मेहता, संजय सिंह, सुजीत सिंह, बबलू, रामनेह सिंह, जसवंत सिंह, ब्रजेश सिंह, राजीव रंजन, शिवाकांत तिवारी, प्रेम महतो, अरुण सिंह, विकास सिंह, धनंजय सिंह, अनिल सिंह, संतोष सिंह सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.