एनएच-39 ब्रहमोरिया मोड़ पर बने डायवर्सन में देर रात फंसीं गाड़ी, छह घंटे आवागमन रही बाधित

  • सड़क के दोनों दो-दो किलोमीटर गाड़ियों की लगी लंबी कतार
  • स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य करा रही कंपनी को इसके लिए ठहराया जिम्मेवार

विश्रामपुर (पलामू )

एनएच-39 ब्रहमोरिया मोड़ पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर के लिए बनाए गए डायवर्सन में शनिवार की देर रात एक ट्रक फंस गई। जिसके कारण आवागमन बाधित हो गई। सड़क के दोनों किनारे फंसीं गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। जिसके कारण लगभग 6 घंटे सड़क पर आवागमन बाधित रहा। जानकारी के अनुसार ब्रहमोरिया मोड़ पर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य हो रहा है। जिसके कारण गाड़ियों की नियमित परिचालन को लेकर मिट्टी, मोरम व गिट्टी को डालकर डायवर्सन बनाया गया है। डायवर्सन संकीर्ण होने के कारण आवागमन में परेशानी होती है। शनिवार की देर रात लगभग 2 बजे एक ट्रंक संकीर्ण डायवर्सन में खराब हो गई। जिसके कारण अन्य गाड़ियों का निकलना बंद हो गया। सड़क के दोनों किनारे गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। साथ हीं आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया। जो लगभग सुबह के आठ बजे तक जाम छह घंटों तक बना रहा। जिसमें यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इधर सड़क पर आवागमन बाधित व जाम के लिए लोगों की ओर से निर्माण कार्य करा रही कंपनी को जिम्मेवार ठहराया जा रहा है। फ्लाईओवर निर्माण कार्य में मुख्य पथ को बाधित कर दिया गया है। वहीं आवागमन के लिए मिट्टी, डस्ट आदि डालकर संकीर्ण डायवर्सन बनाया गया है। जिसमें प्रायः गाड़ियां फंसते रहे हैं। कंपनी के द्वारा ना तो निर्माण कार्य में संजीदगी दिखाई जा रही है और न हीं डायवर्शन को दुरुस्त किया जा रहा है। जिस पर निर्वाध गाड़ियां दौड़ सके। वहीं प्रशासन के द्वारा जमीन अधिग्रहण के बदले रैयतों को किसी भी प्रकार की मुआवजे की भुगतान नहीं किया गया है। निर्माणाधीन फ्लाईओवर को पूरा करने में एक दर्जन से अधिक घर तोड़ना होगा। अभी तक किसी भी मकान मालिक को एक रुपया भी भुगतान नहीं हुए हैं। ऐसे में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य बरसात पूर्व नहीं कराया जा सकता। डायवर्सन से बरसात के दिनों निर्बाध परिचालन संभव नहीं हो पाएगा। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क किनारे खोदे गए गड्ढे व फ्लाईओवर निर्माण कार्य के लिए डाले गए डस्ट हवा के झोंके व गाड़ियों की परिचालन से पूरे दिन उड़ते रहते हैं। जिससे जनजीवन परेशान है। लोग टीवी व दमा के शिकार हो रहे हैं। निर्माण कार्य करा रही कंपनी के द्वारा सड़क पर पानी डालने के नाम पर केवल औपचारिकता पूरी की जा रही हैं। कंपनी व प्रशासन से शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं।

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