विश्रामपुर (पलामू)
विश्रामपुर प्रखंड में मनरेगा मजदूरों को कार्य नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण उनके समक्ष पलायन की स्थिति बन गई है। प्रखंड के सभी 10 पंचायतों में सक्रिय मनरेगा मजदूरों की संख्या 8935 है। जिसमें केवल 266 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। भंडार पंचायत में जहां 960 सक्रिय निबंधित मजदूर हैं जिसमें केवल 14 मजदूर काम कर रहे हैं। इसी तरह बघमनवां 978 में 117, गुरी 1015 में 15, घासीदाग 1586 में 9, गुरहा 660 में 2, लालगढ़ 471 में 4, केतात 500 में 0, सिगसीगी 1049 में 24, तोलरा 831 में 52 और पंजरीकला पंचायत में 729 में 29 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं।
बिरसा सिंचाई कूप योजना के तहत प्रखंड में 240 कूप कराया जाना है। इसमें प्रत्येक पंचायत को 24-24 कूप का खुदाई का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य के अनुरूप 231 कूप ऑनलाइन प्रविष्ट हैं। सभी पंचायत को मिलाकर 32 कूप कार्य चल रहे हैं। घासीदाग पंचायत जहां 64 डोभा स्वीकृत है। लेकिन ऑन रिकॉर्ड किसी भी योजना में कार्य नहीं चल रहा। 64 डोभा और 24 कूप स्वीकृत है। पर 1586 मजदूरों में केवल 9 मजदूर को रोजगार दिया गया है। 15 से 20 जून के बाद सरकार के द्वारा मिट्टी वर्क पर रोक लगा दिया जाता है। ऐसे में मजदूरों को रोजगार कैसे मिलेंगे।
मनरेगा मजदूर कार्य करने में नहीं दिखा रहे रुचि, प्रखंड में लगभग 1700 योजनाएं हैं स्वीकृत : बीपीओ
- चार माह से मजदूरों की मजदूरी है बकाया विश्रामपुर प्रखंड के सभी पंचायतों में निबंधित सक्रिय मनरेगा मजदूरों की संख्या 8935 हैं। लेकिन वे कार्य में रुचि नहीं ले रहे। ऐसे में मनरेगा का कार्य पंचायतों में संचालित नहीं हो रहा है। जबकि 1700 से अधिक योजनाएं पंचायत में स्वीकृत है। आचार संहिता से मनरेगा के योजनाओं का कोई लेना-देना नहीं है। उक्त बातें विश्रामपुर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी प्रभात कुमार ने कहा। वे पत्रकारों से बात कर रहे थे। कहा कि मजदूरों का मजदूरी पिछले चार माह से बकाया है। समय पर मजदूरी का भुगतान हो तो मजदूरों को कहीं भी भटकने की नौबत नहीं आएगा। मनरेगा सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना है इसे धरातल पर उतारने के लिए मनरेगाकर्मी प्रतिबद्ध हैं। घासीदाग पंचायत में मनरेगा के बारे में बताया कि वहां अधिक से अधिक योजनाएं संचालित हो इसके लिए मुखिया व रोजगार सेवक के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिया गया है। बीपीओ प्रभात ने कहा कि मनरेगा मजदूर अपने पंचायत में मजदूरी का की मांग करें। उसी दिन कार्य उपलब्ध कराया जाएगा। किसी भी मजदूर को रोजगार की तलाश में भटकने व पलायन कर नौबत नहीं आएगी।