पत्थर माईंस के विरुद्ध दुंदु ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित

डिम्पल राजा

मनिका (लातेहार)

मनिका लातेहार मनिका। दुंदु पंचायत में अवैध पत्थर खनन के विरुद्ध 8 मार्च को ग्राम सभा ने प्रस्ताव पारित किया। जल्द ही इस प्रस्ताव से जिले के उच्च अधिकारियों को कानून सम्वत कार्रवाई हेतु समर्पित करने के लिए 15 सदस्यीय समिति गठित की गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि राजस्व ग्राम दुंदु के टोला रहरबार एवं खैराही में मनिका निवासी अशोक प्रसाद द्वारा अवैध ढंग से पत्थर खनन करवाया जा रहा था जो विगत 3 वर्षों से बंद पड़ा है। अब फिर उसे चालू करने की फिराक में हैं। उनके द्वारा अनधिकृत रूप गाँव प्लॉट संख्या 1054, 1055, 1056, 1063, 1064, 1047, 1053, 1052, 1550, 1551 एवं 1549 को सीमेंटेड पिलर से घेरने कार्य किया जा रहा है, जिसका ग्रामीण पुरजोर विरोध कर रहे हैं। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि माईंस के चालू होने से 2 आदिवसी परिवारों को घर से बेघर होना पड़ेगा। माईंस से सटा हुआ सूकरी नदी है। जो करमाही टोला, रहरबार, खैराही, जामुन टोला, झाराखाड़, चौकिया 400 परिवारों, पशुओं और खेती के लिए जीवन रेखा है। उसपर पर्यावरणीय दुष्प्रभाव पड़ेगा।


नियम विरुद्ध है दुंदु ग्राम का पत्थर माईंस
विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा 11 अप्रैल 2007 के अधिसूचना के अनुसार सम्पूर्ण लातेहार जिला अनुसूचित क्षेत्र अधिसूचित है। संविधान का अनुच्छेद 244 (भाग 10, अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र) के अनुसार पांचवी अनुसूची के उपबंध किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के लिए लागू होंगे l अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश पारित करते हुए कहा है संविधान के पाँचवी अनुसूची के पैरा – 5(2)(बी) एवं आंध्रप्रदेश रेगुलेशन कानून की धारा – 3(1)(ए) में निजी लाभ हेतु चलने वाले कंपनियों को लीज देना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है, जो बरकरार रहना चाहिए क्योंकि गैर – आदिवासी ब्यक्ति, कंपनी, संघ या साझेदार फर्म को खनन पट्टा देना असंवैधानिक, अमान्य एवं गैर – कानूनी है।
पर्यावरणीय अनुमति के मापदंडों के विपरीत है खनन स्थल
मईनर मिनरल्स की अनुमति हेतु निर्धारित मापदंडों के अनुसार परिशिष्ट 1 में वर्णित है कि 500 मीटर के दायरे में कोई मानव बसाहट और कोई जलीय निकाय यथा, चेकडेम, तालाब या नदी नहीं होनी चाहिए। लेकिन यहाँ दोनों ही मापदंडों को दरकिनार किया गया है। यहाँ खनन क्षेत्र के नक्से के अंदर ही एक आदिवासी और 1 दलित परिवार सहित पाँच सौ मीटर के दायरे में सैकड़ों घर अवस्थित हैं। साथ ही खनन क्षेत्र से सटा सदाबह सुकरी नदी बहती है। अन्य मापदंडों में 500 मीटर के दायरे में कोई शैक्षणिक संस्थान और चिकित्सालय नहीं होनी चाहिए । राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाईट में मनिका निवासी लीजधारक अशोक प्रसाद का कोई भी विवरण उपलब्ध नहीं है।

जरूरत पड़ी तो लीजधारक पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी
आक्रोशित ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि जहाँ ग्रामीण खनन कार्य को पूर्णत: रोक लगाने में सड़कों की लड़ाई लड़ेंगे, वहीं जरूरत पड़ी तो लीजधारक सहित उन बिचौलियों खासकर अखतर अंसारी, समलू यादव, पप्पू भारती के ऊपर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी । बैठक में जानकी सिंह, तपेश्वर सिंह, प्रमोद यादव, अरविन्द राम, सुरजी देवी, ममता देवी, मनीता देवी, माधुरी देवी आदि लोग शामिल थे ।

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