राजनीति उपनिवेशवाद व पूँजीवाद को स्थापित कर झारखंडियों को लूटने नहीं देंगे : पुष्कर महतो

9 मार्च को आर्थिक नाकेबंदी का एलान ,सैदुप मंडल डैम के पास उलगुलान सभा

बरवाडीह (लातेहार) :

झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा लातेहार जिला के तत्वावधान में बुधवार को बरवाडीह के सैदुप मे झारखंड आंदोलनकारियों के भविष्य के साथ खिलवाड, खनिज संपदा की लूट को रोकने में जनप्रतिनिधियोँ व अधिकारियों की अक्षमता तथा आदिवादियों को उजाड़ कर राजनिनिक उपनिवेशवाद व पूँजीवाद को स्थापित करने के षड्यंत्र के विरोध में 9 मार्च, 2024 को आहुत आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने को लेकर उलगुलान सभा का आयोजन किया गया।वही स्थानीय लोगों ने बुनियादी समस्या को रखी।
इस मौके पर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड अलग के राज्य बनाने के मूल्यों को स्थापित कर जन विकास व कल्याण के कार्यो को सफ़ल किया जा सकता है।
झारखंड को जाति व पार्टी में बांट कर झरखंडवासियों के अस्मिता, अलग पहचान , अस्तित्व को मिटाने का षड्यंत्र किया जा रहा है व खनिज संपदाओं को लूटा जा रहा है। जल, जंगल व जमीन से झारखंडियों को बेदखल किया जा रहा हैं। विकास के नाम पर झारखंडियों को उजाड़ा जा रहा है। अब तक डेढ़ करोड़ लोग अपने जमीन से विस्थापित हो चुके हैं। जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। आखिर विकास किसके लिए सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अलग राज्य के आंदोलनकारी बेहतर झारखंड बनाने के लिए एक और उलगुलान किया है। हम अपने अधिकारों के लिए लड़े थे और लड़ेंगे, जीतेंगे।
वही दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की अध्यक्ष रोजलीन तिर्की ने कहा कि हमारे गांव के लोग झारखंड की आवाज बने, बेहतर अबुआ दिसूम अबुआ राज की परिकल्पना को साकार करना है।
संयोजिका सरोजनी कच्छप ने कहा कि झारखंड लड़ कर लिए हैं, दिकू जैसे लोगों का लूट तंत्र बना दिये हैं। हमारे लोग एक बदलाव के लिए स्वयं सामने आये।
वही सचिव अली हसन अंसारी ने कहा कि झारखंड की सांझी संस्कृति विरासत को हम तोड़ने नहीं देंगे, सांप्रदायिक एकता को चूर चूर कर देना हैं। समतामूलक समाज कायम रहेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता विकास उराँव ने कहा कि गरीब को विकास के नाम पर हमे अधोकारी लूटने का कार्य कर रहे हैं।
झारखंड आंदोलनकारी सीता राम उराँव ने कहा कि झारखंड में समता जजमेंट लागू कर आदिवासियों को पूर्ण अधिकार दिया जाए।
कार्यक्रम में विक्टर केरकेट्टा, स्टिफ़न किंडो, प्रतिमा कुजूर, मनोज यादव, सुजात तोप्पो, रीना देवी, महेंद्र पासवान, दुर्गा देवी, बरनाबस पूर्ति, हरिनंदन उराँव, संसुल मंसूरी, फ्रांसिस गुडिया, सिलास गुड़िया, महेंद्र
उराँव, प्रदीप सिंह, परमेश्वर सिंह, संतोष डहगा, संतरी तोपनो, करोलीना होरो, मरथा होरो, फुलमणि तिर्की, टेरेसा बरला, मुनिया देवी, पूनम देवी, राहिल बरला, मगदली सुरीन, महेशी खरवार, सुरेश उराँव, रमोधर मांझी, प्रभा मिंज, विजय उराँव, दीपक यादव सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।
इसके पूर्व
स्थानीय सांस्कृतिक दल के द्वारा झूमर व मांदर के थाप पर स्वागत किया गया।

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